गोरखपुर: अब नहीं खोजना पड़ेगा एम्स थाने की पुलिस को रजिस्टर में जब्त माल, डीआईजी ने की बड़ी पहल
यूपी के गोरखपुर में पुलिस का समय बचाने के लिए डीआईजी ने बड़ी शुरुआत की है। एम्स थाने की पुलिस को अब रजिस्टर में जब्त माल नहीं ढूंढना पड़ेगा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
गोरखपुर: डीआईजी गोरखपुर परिक्षेत्र गोरखपुर आनंद कुलकर्णी कंप्यूटरिकृत "ई-मालखाना" का उद्घाटन किया। इस शुरुआत के बाद पुलिस कर्मचारियों को जब्त माल को खोजने में आसानी होगी। उन्हें रजिस्टर में डिटेल खोजने में समय खराब नहीं करना पड़ेगा।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार आज थाना एम्स में वृक्षारोपण के उपरांत थाने के आधुनिकरण के दृष्टिगत मालखाना में रखे मालों के रिकॉर्ड को कंप्यूटरिकृत कराने हेतु "ई-मालखाना" का उद्घाटन किया गया। दर्ज मुकदमों से जुड़ा सामान (केस प्रॉपर्टी) एक क्लिक में देखना मुमकिन होगा। असल में केसों से जुड़े सामान पुलिस को तब तक रखना होता है जब तक केस कोर्ट में अपने अंजाम तक न पहुंच जांच जाए। ऐसे में उसे लंबे वक्त तक संभाल कर रखना काफी मुश्किल भरा काम होता है। दिक्कत तब और बढ़ जाती है जब अधिकारी बदल जाते हैं। ई मालखाने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
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ई माल खाना में हर केस प्रॉपर्टी का यूनिक नंबर होगा। केस प्रॉपर्टी को बॉक्स में रख बार कोडिंग के साथ अल्फाबेट क्रम में रखा जाएगा। केस नंबर डिजिटल पोर्टल में डालने पर केस प्रॉपर्टी कहां रखी है ये पता चल जाएगा। इससे पहले तारीख आने पर केस प्रॉपर्टी ढूंढने में मशक्कत करनी पड़ती थी। प्रॉपर्टी का ब्योरा और स्टोर की जगह की जानकारी होगी। अब जांच अधिकारी का टाइम केस प्रॉपर्टी ढूंढने में समय खराब नहीं होगा। एम्स थाने का मालखाना ई-मालखाने में तब्दील किया गया है।
डीआईजी गोरखपुर परिक्षेत्र गोरखपुर आनंद कुलकर्णी ने बताया कि मालखाना पुलिस केस प्रॉपर्टी के लिए बहुत जरूरी जगह होती है। जब तक केस खत्म नहीं होता, उसे संभालकर रखना होता है। ई-मालखाना शुरू होने से जांच अधिकारी का काम आसान होगा। इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर, पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण बिश्नोई, सहायक पुलिस अधीक्षक/ क्षेत्राधिकारी कैंट अंशिका वर्मा, पुलिस अधीक्षक उत्तरी जितेंद्र श्रीवास्तव, क्षेत्राधिकारी कोतवाली ओंकार तिवारी, थाना प्रभारी एम्स संजय सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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