पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सरकार पर निशाना, कांग्रेस ने बताया लोकतंत्र के लिए खतरा
केरल में विपक्षी कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को एक ऑनलाइन चैनल और दो मलयालम टीवी चैनलों के पत्रकारों के खिलाफ हालिया कार्रवाई को लेकर सत्तारूढ़ माकपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो सरकार प्रेस की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करती है या उसे प्रतिबंधित करती है वह लोकतंत्र के लिये “अपमान” और “खतरा” है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
तिरुवनंतपुरम: केरल में विपक्षी कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को एक ऑनलाइन चैनल और दो मलयालम टीवी चैनलों के पत्रकारों के खिलाफ हालिया कार्रवाई को लेकर सत्तारूढ़ माकपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो सरकार प्रेस की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करती है या उसे प्रतिबंधित करती है वह लोकतंत्र के लिये “अपमान” और “खतरा” है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के सुधाकरन ने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार उन मीडिया घरानों या पत्रकारों के प्रति “द्वेष” रखती है जो उसकी आलोचना करते हैं और मौका मिलने पर “बदला” लेते हैं।
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केपीसीसी प्रमुख ने कहा, “यह केरल में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की निम्न स्तरीय राजनीति है। ऐसा रुख निंदनीय है।” उन्होंने घोषणा की कि पार्टी द्वारा एक “मीडिया फ्रीडम मीट” (मीडिया स्वतंत्रता बैठक) आयोजित की जाएगी और उसके तहत 26 जुलाई को पुलिस थानों तक मार्च आयोजित किया जाएगा।
तिरुवनंतपुरम स्थित ऑनलाइन समाचार चैनल - ‘मरुनादन मलयाली’ - और उसके कर्मचारियों के खिलाफ हालिया पुलिस कार्रवाई का जिक्र करते हुए सुधाकरन ने कहा कि बल ने “हमलावरों” की तरह काम किया।
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उन्होंने कहा, “वे कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन वे हमलावर के रूप में कार्य नहीं कर सकते। उन्हें कुछ शालीनता या पेशेवर अंदाज दिखाने की जरूरत है और मीडिया के खिलाफ कार्रवाई करते समय उचित प्रक्रिया या प्रणाली का पालन करना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “मीडिया की आजादी पर रोक लगाने वाली सरकार लोकतंत्र के लिए खतरा है। ऐसी सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है।”