इसी सप्ताह लोकसभा में ये कामकाज पूरा करना चाहती है सरकार
राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान और अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच कराने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग पर संसद में जारी गतिरोध के बीच सरकार लोकसभा में इसी सप्ताह बजट प्रक्रिया को पूरा कराना चाहती है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान और अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच कराने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग पर संसद में जारी गतिरोध के बीच सरकार लोकसभा में इसी सप्ताह बजट प्रक्रिया को पूरा कराना चाहती है।
लोकसभा की कार्यसूची के अनुसार, 23 मार्च की लोकसभा की कार्यसूची में वर्ष 2023-24 के लिए रेल मंत्रालय, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के नियंत्राणाधीन अनुदान की मांगों को चर्चा एवं मतदान के लिए रखने का प्रस्ताव किया गया है।
निचले सदन की कार्यसूची के अनुसार, बृहस्पतिवार को ही शाम छह बजे वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट के संबंध में अनुदान की बकाया मांगों को सदन की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जायेगा।
इसमें कहा गया है कि 23 मार्च को ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रस्ताव करेंगी कि वित्त वर्ष 2023- 24 की सेवाओं के लिए भारत की संचित निधि में से राशियों के संदाय और विनियोग को अधिकृत करने वाले विनियोग विधेयक 2023 पर विचार किया जाए।
यह भी पढ़ें |
केंद्र सरकार ने चालू वर्ष में अतिरिक्त व्यय के लिए लोकसभा की मंजूरी मांगी, जानिये कितनी है राशि
लोकसभा की 24 मार्च की कार्यसूची में कहा गया है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रस्ताव करेंगी कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार की वित्तीय प्रस्थापनाओं को प्रभावी करने वाले वित्त विधेयक 2023 पर विचार किया जाए और उन्हें पारित किया जाए।
गौरतलब है कि 31 मार्च तक संसद को वित्त वर्ष 2023-24 से जुड़़ी बजट प्रकियाओं को पूरा कर लेना है।
ज्ञात हो कि भारत के लोकतंत्र के बारे में राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्य कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं और कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने पर जोर दे रहे हैं।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के अपने अपने रुख पर अड़े रहने के कारण बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत के बाद से अब तक कामकाज बाधित रहा है। यद्यपि हंगामे के बीच लोकसभा में मंगलवार को जम्मू कश्मीर के सामान्य बजट तथा वर्ष 2022-23 की अनुदान की अनुपूरक मांगों को बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया गया था।
यह भी पढ़ें |
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस त्याग सकती है विधानसभा की सीटें..जानिए किस पार्टी को हो सकता है नुकसान
संसद में गतिरोध दूर करने के लिए उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ तथा लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला मंगलवार को सभी दलों के नेताओं की अलग अलग बैठक बुलाई थी। हालांकि इस बैठक में सदन में जारी गतिरोध को दूर करने पर आम सहमति नहीं बन सकी।
दो दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र को लेकर अपनी टिप्पणी के लिए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यदि माफी मांग लेते हैं, तो संसद में गतिरोध खत्म हो सकता है।
वहीं, बुधवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अडाणी समूह के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति 'क्लीन चिट समिति' साबित होगी और विपक्ष इस मामले में सरकार की नीयत एवं नीतियों को लेकर सवाल कर रहा है जिसका जवाब संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से ही मिल सकता है।