अयोध्या पहुंची बस्ती से निकली 84 कोसी परिक्रमा, साधु संतों का भव्य स्वागत, महादेवा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़

डीएन ब्यूरो

अयोध्या में 84 कोसी परीक्रमा के लिए साधु संतो का जमघट लगा हुआ है। इस परिक्रमा के लिए कुछ खास प्रबंध किए गए हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंची महादेवा घाट
श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंची महादेवा घाट


अयोध्या: जनपद में बस्ती जिले के परशुरामपुर थाना क्षेत्रांतर्गत मखौड़ा के मखभूमि से हजारों साधु संतों के साथ निकली 84 कोसी परिक्रमा शनिवार को श्री अयोध्या धाम चौरासी कोस परिक्रमा के संचालक महंत गयादास की अगुवाई मे राम नाम संकीर्तन एवं जय श्रीराम के नारों के साथ अपने चौथे पड़ाव गोसाईगंज के महादेवाघाट पर पहुंची। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक आस्था की डगर पर निकले सभी श्रद्धालु शुक्रवार रात्रि श्रंगीॠषि मंदिर पर विश्राम करने के बाद 27 अप्रैल को तमसा नदी तीरे पहुंचे हैं। सभी श्रद्धालु कल रविवार को आगागंज टिकरी मे रात्रि विश्राम करेंगे। यह यात्रा 24 अप्रैल को शुरू हुई थी।

स्कूली बच्चे भी कर रहे परिक्रमा 

84 कोसी परिक्रमा में उन्नाव जिला निवासी 14 वार्षिया कक्षा 7 के छात्र गोविन्द मौर्य एवं उनकी 17 वर्षीय बहन साधना अपने पिता कमला संकर के अलावा अमेठी जनपद के जगदीश पुर निवासी 14 वर्षीय श्रीश तिवारी भी परिक्रमा कर रहे हैं।

इन छोटे बच्चों का परिक्रमा में शामिल लोग हौसला अफजाई करते हुए हाथों- हाथ ले रहे हैं।

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साफ सफाई की खास व्यवस्था 

परिक्रमा में शामिल साधु-संतों को कोई कष्ट ना हो और उनको पडाव स्थल तक पहुंचने मे किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए नगर पंचायत प्रशासन ने भी अपनी पूरी तैयारी कर रखी थी।

तेलियागढ़ चौराहे से महादेवा घाट तक चूने का छिड़काव कराने के साथ ही साफ-सफाई एवं नदी में दवाओं का छिड़काव कराया गया था।

चार जनपदो से गुजरती है परिक्रमा

पुराणो मे अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा का महत्व समझाते हुए महंत श्री दास ने कहा कि "जिस प्रकार भगवत प्रदक्षिणा से जन्म जन्मांतर के किए हुए समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं, उसी प्रकार "धामादि पति" अवध धाम साक्षात बैकुंठ पूरी होने के नाते यहां के अतुलनीय चौरासी कोस परिक्रमा को जो प्राणी मनसा,वाचा,कर्मणा से एक बार भी कर लेता है तो उसका पुनर्जन्म नहीं होता हैं। 

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महंत श्री दास ने आगे कहा कि परिक्रमा अयोध्या, अंबेडकरनगर, बस्ती, गोंडा, बाराबंकी आदी जनपद के पांच दर्जन स्थानों से गुजरती हैं। परिक्रमा की शूरूआत हर साल बैशाख कृष्ण प्रतिपदा पर्व पर होती है। 

ये परिक्रमा बस्ती जिले के मंदिर से शुरू होकर जानकी नवमी पर अयोध्या के सीताकुंड पर बिशाल भंडारे एवं बिदाई के साथ संपन्न होती है। उनका कहना है कि कुछ संगठन परम्परागत परिक्रमा को खंडित कर रहे हैं।जो कि परिक्रमा मे शामिल नये चेहरों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।

उन्होंने बताया कि परिक्रमा का पांचवा पड़ाव आगागंज टिकरी, राधा कृष्ण मंदिर पर होगा। वही अगले दिन राम जन्म भूमि की परिक्रमा एवं जानकी नवमी पर सीता कुंड मे रामार्चाय महायज्ञ सहित अयोध्या के सीताकुंड मे भंडारा एवं बिदाई के साथ ये परिक्रमा संपन्न होगी।










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