इलाहाबाद हाई कोर्ट में कृष्ण जन्मभूमि मामले को स्थानांतरित करने हुई सुनवाई, जानिये ये बड़ा अपडेट

डीएन ब्यूरो

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा की अदालत में लंबित श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने का अनुरोण करने वाली याचिका पर अपना निर्णय बुधवार को सुरक्षित रख लिया।

इलाहाबाद हाई कोर्ट
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प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा की अदालत में लंबित श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर अपना निर्णय बुधवार को सुरक्षित रख लिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक इस मामले में हिंदू भक्तों ने उस जमीन पर अधिकार का दावा किया है जहां ईदगाह मस्जिद का निर्माण किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने अनुरोध किया है कि मूल वाद की सुनवाई उच्च न्यायालय द्वारा की जानी चाहिए।

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न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा ने कटरा केशव देव खेवट मथुरा के भगवान श्री कृष्ण विराजमान की सखी रंजना अग्निहोत्री और सात अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया। अदालत ने संबंधित पक्षों के वकीलों को तीन दिन के भीतर लिखित दलीलें उपलब्ध कराने को भी कहा है।

इस मामले में प्रतिवादियों में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटी शाही मस्जिद ईदगाह की प्रबंधन समिति, ‘श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, कटरा केशव देव, डीग गेट, मथुरा’ और ‘श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान, कटरा केशव देव, डीग गेट, मथुरा’ शामिल हैं।

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वादियो ने ईदगाह मस्जिद पर हिंदू समुदाय के अधिकार का दावा करते हुए निषेधाज्ञा की घोषणा करने का अनुरोध करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में दीवानी मुकदमा दायर किया था। उनकी दलील है कि इस मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिरों को तोड़कर किया गया और ऐसा निर्माण मस्जिद नहीं हो सकता क्योंकि कभी किसी वक्फ का गठन नहीं किया गया और वह भूमि कभी मस्जिद निर्माण के लिए नहीं थी।

गौरतलब है कि एक समय, याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने दलील दी थी कि यह मामला भगवान कृष्ण के करोड़ों भक्तों से जुड़ा मामला है और यह राष्ट्रीय महत्व का मामला है। इस मामले में इतिहास, शास्त्रों, हिंदू और मुस्लिम कानूनों की व्याख्या और भारत के संविधान की व्याख्या से जुड़े कई प्रश्न शामिल हैं। इसलिए, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों की सुनवाई उच्च न्यायालय द्वारा की जानी चाहिए।










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