DN Exclusive: सिसवा नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद से हटीं रागिनी जायसवाल को हाईकोर्ट ने भी दिया तगड़ा झटका

शिवेंद्र चतुर्वेदी

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के सहारे सिसवा नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर काबिज होने का सपना देखने वाली रागिनी जायसवाल को तगड़ा झटका लगा है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:

सिसवा नगर पालिका का कार्यालय
सिसवा नगर पालिका का कार्यालय


महराजगंज: डेढ़ सौ साल पुरानी सिसवा नगर पंचायत की जबसे नगर पालिका के रुप में तरक्की हुई तबसे मानो नगर के जायसवाल दंपत्ति सपने चकनाचूर होने शुरु हो गये।

पहले तो शासन के निर्देशों के क्रम में कस्बे का सीमा विस्तार किया गया और नगर पालिका बनाया गया। इसके बाद यहां पर नियमों के मुताबिक नगर पंचायत अध्यक्ष चुनी गयीं जगदीश जायसवाल की पत्नी रागिनी जायसवाल को हटना पड़ा और इसके साथ ही यहां पर पीसीएस अधिकारी अविनाश कुमार को नगर पालिका का प्रशासक नियुक्त कर दिया गया।

यह बात जायसवाल दंपत्ति को रास नहीं आयी और उन्होंने हटाये जाने के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में WRIT - C No. - 13629 of 2021 रागिनी देवी बनाम यूपी सरकार एवं पांच अन्य दायर की। 

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जिसकी सुनवाई जस्टिस सुनीता अग्रवाल एवं साधना रानी ठाकुर की डबल बेंच की खंडपीठ ने की। तमाम दलीलों को सुनने के बाद इस रिट को खारिज कर दिया गया। इससे जायसवाल दंपत्ति की रही-सही आस भी पानी-पानी हो गयी। 

9 अगस्त को पारित आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश और अधिनियम की धाराओं के तहत प्रशासक की नियुक्ति के जिलाधिकारी के निर्णय को चुनौती नही दिया जा सकता ऐसे में रिट याचिका खारिज की जाती है।

पुरानी नगर पंचायत में 22 राजस्व गांवों के 17 ग्राम पंचायतों को समायोजित किया गया और 31 दिसम्बर 2019 को सिसवा बाजार को नगर पालिका बनाए जाने की अधिसूचना राज्यपाल द्वारा जारी की गयी। नगर पालिका परिषद घोषित होने के काफी समय तक नगर पंचायत द्वारा चुनी गई अध्यक्ष रागिनी जायसवाल ही अध्यक्ष पद पर काबिज रहीं।

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इससे भड़के सबया ग्राम निवासी अनूप कुमार पाठक आदि ने जनहित याचिका दायर की और नगर पंचायत बोर्ड भंग करने एवं प्रशासक नियुक्त करने की न्यायालय में रिट की। इस याचिका पर 8 फरवरी 2021 को फैसला आया और जिलाधिकारी को प्रशासक नियुक्त कर जल्द चुनाव प्रक्रिया पूरा करने का आदेश दिया गया।

न्यायालय के इस फैसले के खिलाफ रागिनी जायसवाल ने न्यायालय में रिट याचिका दायर करते हुए कहा चूंकि इस नगर पंचायत का विस्तार कर नगर पालिका बनाया गया है और वादी चुनी हुई प्रतिनिधि है इसलिए अगले चुने हुए प्रतिनिधि के आने तक पद पर बने रहने दिया जाये। 










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