राजकोट अग्निकांड का हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, कहा- 27 मौतें मानव निर्मित आपदा, किये ये तीखे सवाल
राजकोट अग्निकांड का गुजरात हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान लिया और इस हादसे को मानव निर्मित आपदा करार दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
![राजकोट अग्निकांड](https://static.dynamitenews.com/images/2024/05/26/high-court-took-cognizance-of-rajkot-fire-said-27-deaths-a-man-made-disaster-asked-these-sharp-questions/6652df2d6e33a.jpg)
अहमदाबाद: राजकोट अग्निकांड में 27 लोगों की दर्दनाक मौत के मामले का गुजरात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने इस हादसे को मानव निर्मित आपदा करार दिया। हाईकोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगम से स्पष्टीकरण मांगा। इसके साथ ही इस हादसे को लेकर कई तीखे सवाल भी पूछे।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार गुजरात हाईकोर्ट की स्पेशल ब्रांच के समक्ष रविवार को इस मामले में सुनवाई हुई। जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह मानव निर्मित आपदा है। कोर्ट ने कहा कि गेमिंग जोन के निर्माण और संचालन के लिए नियमित और उचित नियमों का पालन नहीं किया गया।
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कोर्ट ने कहा कि अहमदाबाद में सिंधुभवन रोड, सरदार पटेल रिंग रोड और एसजी हाईवे पर गेमिंग जोन सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं। हाईकोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगम से स्पष्टीकरण मांगा।
बता दें कि राजकोट में रविवार को एक गेमिंग जोन में आग लगी और देखते ही देखते आग विकराल हो गई। गर्मी की छुट्टियां चल रही है, इसलिए वहां बच्चों की भीड़ ज्यादा थी। आग लगते ही वहां अफरा तफरी मच गई और जब तक फायर ब्रिगेड की टीम पहुंचती तब तक कई लोग आग की चपेट में आ चुके थे। इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई।
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जानकारी के मुताबिक गेमिंग जोन के पास फायर एनओसी नहीं था और ना ही फायर सेफ्टी के उपाय। खबर ये है कि कभी फायर एनओसी के लिए अप्लाई भी नहीं किया गया था।