घर लेने की बना रहे है योजना तो पढ़ें ये रिपोर्ट, नए सर्वे में हुआ ये बड़ा खुलासा
घर खरीदने को इच्छुक 95 प्रतिशत से अधिक लोगों का मानना है कि आवास ऋण पर इस साल और ब्याज दर बढ़ने से मकान खरीदने का उनका निर्णय प्रभावित होगा। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और संपत्ति सलाहकार एनारॉक के एक सर्वे में यह कहा गया है।
मुंबई: घर खरीदने को इच्छुक 95 प्रतिशत से अधिक लोगों का मानना है कि आवास ऋण पर इस साल और ब्याज दर बढ़ने से मकान खरीदने का उनका निर्णय प्रभावित होगा। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और संपत्ति सलाहकार एनारॉक के एक सर्वे में यह कहा गया है।
सीआईआई के मुंबई में मंगलवार को रियल एस्टेट पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान 'आवासीय बाजार में तेजी' शीर्षक से रिपोर्ट जारी की गयी।
एनारॉक ने बयान में कहा, ''इस सर्वेक्षण में कुल 4,662 लोगों ने हिस्सा लिया। सर्वेक्षण में शामिल 96 प्रतिशत खरीदारों का मानना है कि आवास ऋण पर ब्याज दर और बढ़ने से घर खरीदने के फैसले पर असर पड़ेगा... आवास ऋण की ऊंची दर भविष्य में उनके घर खरीदने के निर्णय को प्रभावित करेगी।''
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हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी मौद्रिक नीति में बाजार की उम्मीदों के विपरीत रेपो दर को अपरिवर्तित रखा।
सर्वेक्षण के अनुसार 80 प्रतिशत से अधिक घर खरीदारों के लिए आवास ऋण पर ब्याज के अलावा ऊंची कीमत एक महत्वपूर्ण कारक बनी हुई है। पिछले एक साल में संपत्ति की मूल लागत में वृद्धि हुई है।
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि लागत वृद्धि के बावजूद बड़े घरों की मांग कम नहीं हुई है। सर्वे में शामिल 42 प्रतिशत प्रतिभागियों ने 3बीएचके (तीन कमरों वाले घर), 40 प्रतिशत ने 2बीएचके, 12 प्रतिशत ने 1बीएचके और छह प्रतिशत 3बीएचके से अधिक की जगह वाले घर की तलाश में हैं।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इसमें यह भी पाया गया कि घर खरीदने के इच्छुक 58 प्रतिशत लोग उन संपत्तियों में रुचि रखते हैं जिनकी कीमतें 45 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये के बीच है। वहीं 36 प्रतिशत प्रतिभागियों ने एक साल के भीतर तैयार होने वाले घरों को प्राथमिकता दी।
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ''आवास ऋण पर ब्याज दर बढ़ना समग्र मांग परिदृश्य का एक हिस्सा है। हाल ही में बड़े और छोटे दोनों स्तर की कंपनियों में हुई छंटनी संभवत: आगामी दो तिमाहियों में मांग को प्रभावित करेगी और आवास बाजार की वृद्धि को कुछ हद तक धीमा कर देगी।''
पुरी ने कहा, ''बाजार में मौजूदा उथल-पुथल के वित्त वर्ष 2024-25 तक खत्म हो जाने और बाजार में फिर से मांग बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि आवास की मांग कुछ समय के लिए रुकेगी लेकिन कभी खत्म नहीं होगी।''