इस राज्य में सरकार ने कसी मादक पदार्थ तस्करों पर नकेल, पढ़ें पूरी डीटेल

डीएन ब्यूरो

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पूर्ववर्ती सरकारों पर राज्य में मादक पदार्थ समस्या की अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी सरकार जल्द ही पुलिस अधिकारियों और मादक पदार्थों के तस्करों के बीच कथित साठगांठ पर एसआईटी की तीन रिपोर्ट में नामजद व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
फाइल फोटो


चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पूर्ववर्ती सरकारों पर राज्य में मादक पदार्थ समस्या की अनदेखी करने का मंगलवार को आरोप लगाया और कहा कि उनकी सरकार जल्द ही पुलिस अधिकारियों और मादक पदार्थों के तस्करों के बीच कथित साठगांठ पर एसआईटी की तीन रिपोर्ट में नामजद व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगी।

मान का यह बयान ऐसे समय आया है जब पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने राज्य में नशीले पदार्थ के व्यापार में पुलिस अधिकारियों की भूमिका संबंधी चार सीलबंद रिपोर्ट में से तीन रिपोर्ट कुछ ही दिन पहले ही खोली थीं।

रिपोर्ट उच्च न्यायालय द्वारा तत्कालीन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस चट्टोपाध्याय के नेतृत्व में गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा एक फरवरी, 15 मार्च और 8 मई 2018 को प्रस्तुत की गई थी। रिपोर्ट तब से उच्च न्यायालय के पास थीं।

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उच्च न्यायालय ने 28 मार्च को एक सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से रिपोर्ट के संबंध में कार्रवाई करने को कहा।

मान ने पंजाबी में किये गए एक ट्वीट में कहा, ‘‘(मुझे) पंजाब में मादक पदार्थ मामले से संबंधित 3 लिफाफे मिले हैं, जो माननीय उच्च न्यायालय द्वारा खोले गए थे, जो कई वर्षों से बंद थे। पंजाब के युवाओं को नशीले पदार्थ से बर्बाद करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’

बाद में एक आधिकारिक बयान में, मान ने कहा कि इन रिपोर्ट में जिन लोगों का नाम लिया गया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले अकाली-भाजपा और कांग्रेस शासन के दौरान नशीले पदार्थ का कारोबार खूब फला-फूला और राज्य की आने वाली पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट लंबे समय से लटकी हुई थी क्योंकि पिछली सरकारों में से कोई भी पंजाब के भविष्य को बर्बाद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गंभीर नहीं था।

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फरवरी में एक सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार ने अदालत से कहा था कि एसआईटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने में राज्य की विफलता का आरोप गलत है क्योंकि ये रिपोर्ट अदालत के पास पड़ी हैं।

मान ने पुलिस अधिकारियों और मादक पदार्थ तस्करों के बीच साठगांठ से संबंधित उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत सभी सीलबंद रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के लिए अपनी सहमति दी थी।

इस संबंध में लॉयर्स फॉर ह्यूमन राइट्स इंटरनेशनल (एलएफएचआरआई) के अधिवक्ता नवकिरण सिंह द्वारा याचिका दायर करने पर 28 मार्च को उच्च न्यायालय में एसआईटी की रिपोर्ट खोली गई थी।










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