Income Tax Department: ओडिशा में आयकर विभाग के छापे में मिली 351 करोड़ रुपये की नकदी
ओडिशा स्थित बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ आयकर विभाग के छापों में बरामद नकदी की पांचवें दिन की गिनती में यह 351 करोड़ रुपये पाई गई है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली/भुवनेश्वर: ओडिशा स्थित बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ आयकर विभाग के छापों में बरामद नकदी की पांचवें दिन की गिनती में यह 351 करोड़ रुपये पाई गई है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि यह देश में किसी भी जांच एजेंसी द्वारा की गई एकल कार्रवाई में ‘‘अब तक की सबसे अधिक’’ जब्ती बन गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक आयकर विभाग ने झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू के रांची और अन्य स्थानों पर स्थित परिसरों की भी तलाशी ली है। यह स्पष्ट नहीं है कि साहू के घर से कितनी नकदी और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए।
बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड, उसके प्रवर्तक और अन्य के खिलाफ मैराथन छापेमारी रविवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गई। कर चोरी और 'ऑफ़-द-बुक (जिसका लेखा-जोखा कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड में नहीं हो)' लेनदेन के आरोप में कर अधिकारियों द्वारा छह दिसंबर को छापेमारी शुरू की गई थी।
सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अब तक गिनती में 351 करोड़ रुपये पाए गए हैं।
गिनती में आयकर विभाग और विभिन्न बैंकों के लगभग 80 लोगों की नौ टीमें शामिल थीं, जो सातों दिन 24 घंटे काम कर रही थीं।
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सुरक्षा कर्मियों, चालकों और अन्य कर्मचारियों सहित 200 अधिकारियों की एक और टीम गिनती से जुड़े काम में तब शामिल हुई जब कर अधिकारियों को कुछ अन्य स्थानों के अलावा नकदी से भरी 10 अलमारियां मिलीं थी।
सूत्रों ने बताया कि नकदी को ओडिशा की विभिन्न बैंक शाखाओं में जमा करने के लिए ले जाने के लिए लगभग 200 बैग और बक्सों का इस्तेमाल किया गया था।
आयकर विभाग का मानना है कि यह ‘बेहिसाबी’ नकदी है और व्यापारिक समूह, विक्रेताओं और अन्य द्वारा देशी शराब की नकद बिक्री से अर्जित की गई है।
सूत्रों ने कहा कि किसी एक समूह और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई के तहत देश में किसी एजेंसी द्वारा की गई यह अब तक की सबसे अधिक नकदी जब्ती है।
इससे पहले इतनी भारी मात्रा में नकदी 2019 में बरामद की गई थी, जब जीएसटी इंटेलिजेंस ने कानपुर के एक व्यवसायी से जुड़े परिसरों पर छापा मारा था और 257 करोड़ रुपये नकद बरामद किए थे। वहीं, जुलाई 2018 में तमिलनाडु में एक सड़क निर्माण फर्म के खिलाफ तलाशी के दौरान आयकर विभाग द्वारा 163 करोड़ रुपये की नकदी का खुलासा किया गया था।
विभाग उन अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के बयान भी दर्ज कर रहा है, जो छापों वाले स्थानों पर मौजूद थे। साथ ही विभाग कंपनी के मुख्य प्रवर्तक को अपने बयान दर्ज कराने के लिए भी समन जारी करेगा।
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कंपनी और सांसद ने उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई के संबंध में ‘पीटीआई-भाषा’ के सवालों का जवाब नहीं दिया है।
वहीं, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने रविवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी उनकी पार्टी के सांसद से कथित तौर पर जुड़े परिसरों से करोड़ों रुपये की बरामदगी पर चुप क्यों हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इस मामले में केंद्र पर केवल कांग्रेस को निशाना बनाने का आरोप लगाया।