बालाकोट के बाद भरतीय सेना ने म्‍यांमार की सीमा में घुसकर उग्रवादियों के कैंप किए तबाह

डीएन ब्यूरो

पुलवामा आतंकी हमले के बाद सभी का ध्‍यान पश्चिमी सीमा पर लगा था लेकिन सेना पूर्वोत्‍तर सीमा पर एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम दे रही थी।

फाइल फोटो
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नई दिल्‍ली: पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने म्यांमार की सेना के साथ चलाए गए ऑपरेशन में कई उग्रवादी कैंप नष्‍ट कर दिए हैं। इस ऑपरेशन को भारत-म्‍यामार सीमा पर म्‍यांमार में अंजाम तक पहुंचाया गया। इसे ऑपरेशन सनराइज नाम दिया गया है। इसका मकसद नार्थ ईस्‍ट राज्‍यों में जारी मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर होने वाले हमलों की साजिश को नाकाम करना था।

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ऑपरेशन में चीन द्वारा समर्थित कचिन इंडिपेंडेंट आर्मी के एक उग्रवादी संगठन, अराकान आर्मी को निशाना बनाया गया। सूत्रों के हवाले से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार शिविरों को म्यांमार के अंदर नष्ट किया गया। यह पूरा ऑपरेशन 10 दिन तक चला है। 

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गौरतलब है कि उग्रवादी कोलकाता को समुद्र मार्ग के जरिए म्यांमार के सितवे से जोड़ने वाली परियोजना को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे थे। इस परियोजना में कोलकाता से सितवे के रास्ते मिजोरम तक पहुंचने का एक अलग मार्ग बनाया जा रहा है। इसे 2020 तक पूरा किया जाना है। इससे म्यांमार से मिजोरम की दूरी 1000 किलोमीटर कम हो जाएगी।

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नष्‍ट किए गए कैंपों के संगठन इस परियोजना को जारी नहीं रखने की कई बार धमकी दे चुकी थे।










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