पूर्वोत्तर में इंडियन ऑयल के एलपीजी सिलेंडर ट्रांसपोर्टर की हड़ताल
पूर्वोत्तर में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के एलपीजी सिलेंडर परिवाहकों का एक संघ अचानक अनिश्चितकालीन विरोध-प्रदर्शन पर चला गया है जिससे विभिन्न क्षेत्रों में ईंधन की आपूर्ति प्रभावित हुई। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
गुवाहाटी: पूर्वोत्तर में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के एलपीजी सिलेंडर परिवाहकों का एक संघ अचानक अनिश्चितकालीन विरोध-प्रदर्शन पर चला गया है जिससे विभिन्न क्षेत्रों में ईंधन की आपूर्ति प्रभावित हुई। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
नॉर्थ ईस्ट पैक्ड एलपीजी ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन (एनईपीएलटीए) ने लंबित बकाया और हाल ही में जारी निविदाओं में कम दरों को हड़ताल का कारण बताया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आईओसी का पूर्वोत्तर प्रभाग, इंडियन ऑयल - एओडी पूरे क्षेत्र में अपने नौ परिचालन बॉटलिंग संयंत्रों से हर दिन 1.4 लाख एलपीजी सिलेंडर का उत्पादन करता है। अचानक हड़ताल से असम में स्थित छह संयंत्र प्रभावित हुए हैं जहां 1.1 लाख सिलेंडरों का उत्पादन होता है।
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उन्होंने कहा, ‘‘हड़ताल की वजह से असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम में आपूर्ति पर असर पड़ा है। अगर हड़ताल को तुरंत वापस नहीं लिया जाता है तो इस सप्ताह के अंत तक एलपीजी सिलेंडरों का संकट हो सकता है।’’
कंपनी ने कहा, 'इंडियन ऑयल सभी हितधारकों की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसने आवश्यक वस्तुओं तथा सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चिंताओं, मांगों और मुद्दों को हल करने के लिए एनईपीएलटीए से सहयोग करने और बातचीत में शामिल होने के लिए कहा है।'
एनईपीएलटीए के अध्यक्ष निरंजन महंत ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा,'यह हड़ताल नहीं है लेकिन हमने सोमवार से अपने वाहनों का परिचालन बंद कर दिया है क्योंकि हमारा वर्ष 2018 से कुछ बकाया लंबित है। हम कंपनी से तुरंत राशि जारी करने का अनुरोध करते हैं।' महंत ने दावा किया, 'हम वर्ष 2011 की दरों पर अपना कारोबार चला रहे हैं। इतनी पुरानी दर पर वाहनों को चलाना असंभव है, उस वक्त से अबतक हर वस्तु की कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं।'
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उन्होंने कहा कि आईओसी के संयंत्रों से पूर्वोत्तर के विभिन्न वितरकों तक एलपीजी सिलेंडर पहुंचाने के लिए एनईपीएलटीए लगभग 2,500 ट्रकों का संचालन करता है।