रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा रक्षा विनिर्माण में भागीदारी के लिए खुले हैं इंडिया के दरवाजे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत चौथी पीढी का लड़ाकू विमान, परमाणु पनडुब्बी और युद्धक टैंक बनाने की क्षमता रखने वाले चुनिंदा देशों में शामिल हैं और रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में आधार बढाने के लिए वह दुनिया के तमाम देशों के साथ भागीदारी की संभावना तलाश रहा है।
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत चौथी पीढी का लड़ाकू विमान, परमाणु पनडुब्बी और युद्धक टैंक बनाने की क्षमता रखने वाले चुनिंदा देशों में शामिल हैं और रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में आधार बढाने के लिए वह दुनिया के तमाम देशों के साथ भागीदारी की संभावना तलाश रहा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अगले वर्ष फरवरी में होने वाली रक्षा प्रदर्शनी ‘डेफ एक्सपो’ से पहले सिंह ने सोमवार को यहां 80 से भी अधिक देशों के राजदूतों तथा रक्षा अताचियों के साथ ‘एम्बेस्डर्स राउंड टेबल’ बैठक में कहा कि दक्षिण तथा दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के सबसे बड़े रक्षा औद्योगिक तंत्रों में से एक भारत में है और इस क्षेत्र में हम अपनी स्थिति मजबूत बनाना चाहते हैं। भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हैं जो चौथी पीढी के लड़ाकू विमान से लेकर परमाणु पनडुब्बी बनाने की क्षमता रखता है।
Rajnath Singh: When I took the responsibility of Defence Ministry, I was told that it is like a fort which nobody wants to enter. There are so many big proposals related to business, Ministers should stay away from it and play safe. Rajnath Singh does not worry about such things. https://t.co/eUJEXsiCRE pic.twitter.com/R6VLxF0TeS
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— ANI (@ANI) October 4, 2019
उन्होंने कहा कि भारत में रक्षा क्षेत्र के नौ प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम हैं, 41 आयुध निर्माणी हैं और 50 अनुसंधान तथा विकास प्रयोगशाला हैं। करीब 70 लाइसेंस होल्डिंग निजी कंपनी भी रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में काम कर रही हैं। भारत विभिन्न सैन्य प्लेटफार्म की मरम्मत, रख रखाव, ओवरहालिंग और सर्विस के गढ के रूप में भी उभर कर सामने आया है। भारतीय रक्षा उद्योग अब परिपक्व हो गया है और वह मित्र देशों के साथ साझेदारी में देश तथा विदेशों में रक्षा उद्योगों की स्थापना की संभावना तलाश रहा है।
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सिंह ने कहा कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में ऐसा रक्षा औद्योगिक आधार बनाने पर ध्यान केन्द्रीत किया है जो तकनीकी रूप से प्रतिस्पर्धी , सुविधाओं से लैस विनिर्माण केन्द्र और लाभकारी व्यावसायिक अवसर उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की रक्षा कंपनियों का उत्पादन रिकार्ड 80 हजार 502 करोड़ रूपये पर पहुंच गया जो 11.5 अरब डालर के बराबर है। वर्ष 2019-20 के लिए सरकार ने 90 हजार करोड़ डालर का लक्ष्य रखा है जो 13 अरब डालर के बराबर है। वर्ष 2018-19 में रक्षा निर्यात 10,746 करोड रूपये रहा और वर्ष 2019-20 के लिए निर्यात का लक्ष्य 15 हजार करोड़ रूपये रखा गया है। (वार्ता)