भारत का रूसी तेल आयात 12 महीने के निचले स्तर पर, दीर्घकालिक मांग बरकरार
रूस से भारत का कच्चे तेल का आयात जनवरी में लगातार दूसरे महीने गिरकर 12 महीने में सबसे निचले स्तर पर आ गया। हालांकि, दीर्घकालिक मांग अब भी बरकरार है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: रूस से भारत का कच्चे तेल का आयात जनवरी में लगातार दूसरे महीने गिरकर 12 महीने में सबसे निचले स्तर पर आ गया। हालांकि, दीर्घकालिक मांग अब भी बरकरार है।
एनर्जी कार्गो ट्रैकर ‘वोर्टेक्सा’ के आंकड़ों के अनुसार, रूस ने जनवरी में भारत को प्रति दिन 12 लाख बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति की, जो दिसंबर में 13.2 लाख बैरल और नवंबर 2023 में 16.2 लाख बैरल से कम है।
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हालांकि, रूस अब भी भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।वोर्टेक्सा के अनुसार, भारत ने दिसंबर 2021 में रूस से सिर्फ 36,255 बैरल प्रति दिन कच्चे तेल का आयात किया, जबकि इराक से 10.5 लाख बैरल प्रति दिन और सऊदी अरब से 952,625 बैरल प्रति दिन आयात किया।
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रूस से आयात पिछले साल जून में 21 लाख बैरल प्रति दिन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था, जो भारत द्वारा आयातित कुल तेल का करीब 40 प्रतिशत है।
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उद्योग से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि रूसी कच्चे तेल की दीर्घकालिक मांग बरकरार है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ एक महीने में गिरावट तथा दूसरे महीने में बढ़ोतरी पूरी कहानी बयां नहीं करती। तथ्य यह है कि भारतीय कंपनियां तब तक रूसी कच्चा तेल खरीदना जारी रखेंगी जब तक यह आर्थिक रूप से सही रहेगा।’’
अन्य एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ जब तक रूसी कच्चे तेल की आपूर्ति लागत वैकल्पिक स्रोतों की तुलना में कम रहेगी तब तक भारतीय रिफाइनर इसे खरीदेंगे।’’’