इंटरनेशनल मर्डर मिस्ट्री : लव, सेक्स और धोखा..गोरखपुर के डॉ. डीपी सिंह को UP STF ने किया गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

यूपी एसटीएफ ने चर्चित राजेश्वरी श्रीवास्तव हत्याकांड मामले में गोरखपुर के आर्यन अस्पताल के मालिक डॉ. डी पी सिंह व दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया है। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट...

राजेश्वरी श्रीवास्तावा (फाइल फोटो)
राजेश्वरी श्रीवास्तावा (फाइल फोटो)


गोरखपुर: यूपी एसटीएफ ने चर्चित राजेश्वरी श्रीवास्तव उर्फ राखी हत्याकांड मामले में गोरखपुर के आर्यन अस्पताल के मालिक डॉ. डी पी सिंह व दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया है। इसकी जानकारी यूपी एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश ने गोरखपुर में पत्रकार वार्ता के दौरान दी। 

यह भी पढ़ें: गोरखपुर: इस तरह पकड़ा गया आर्यन हास्पिटल का मालिक डा. डीपी सिंह, पहले प्रेमिका को पिलायी शराब फिर ले ली जान 

डॉ. डी पी सिंह 

 

पढ़ें क्या है पूरा मामला

डॉ. डी पी सिंह का संबंध राजेश्वरी श्रीवास्तव से साल 2006-07 से था। राखी के पिता हरेराम श्रीवास्तव डॉ. डी पी सिंह के अस्पताल में ही भर्ती थे, जिसकी वजह से राखी का यहां आना-जाना होता रहता था। लगातार अस्पताल में राखी के आने से उनका संबंध बन गया। फिर उन दोनों ने साल 2011 में फरवरी में जनपद गोंडा में शादी कर ली। 

यह भी पढ़ें: CM योगी के शहर का भ्रष्टाचारी सीओ हुआ सस्पेंड..अवैध बसें चलवाकर करता था मोटी कमाई

यह भी पढ़ें | गोरखपुर में आतंक का पर्याय कुख्यात शूटर राजू अंसारी उर्फ आफताब गिरफ्तार, 12 साल से था फरार, जानिये UP STF ने कैसे दबोचा

मृतक राजेश्वरी श्रीवास्तव

 

डॉ. डी पी सिंह की पहली पत्नी ऊषा आर. सिंह को उनकी इस शादी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनकी एक बेटी हुई जिसकी मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। दिल्ली में हुई दिल दहलाने वाली निर्भया कांड के बाद डा. के ऊपर उनकी पत्नी ऊषा ने रेप और अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। 

 

राखी को डॉक्टर ने सरस्वतीपुरम थाना बछिया शाहपुर गोरखपुर में मकान खरीद कर दिया था। राखी की शादी साल 2018 के फरवरी में मनीष कुमार श्रीवास्तव नाम के एक व्यक्ति से हो गया। शादी के बाद भी राखी का संबंध डॉक्टर के साथ बना रहा। राखी हमेशा डॉक्टर को ब्लैकमेल करके पैसे लिया करती थी। इस बात से तंग आकर डॉक्टर ने कई दिनों से योजना बनाना शुरू कर दिया था कि कैसे राखी की हत्या करनी है। 

4 जून 2018 को डॉक्टर, देश दीपक निषाद और प्रमोद कुमार सिंह के साथ स्कार्पियो से  नेपाल गया। नेपाल जाने के दौरान प्रमोद कुमार गाड़ी चला रहे थे जबकि देश दीपक निषाद ड्राइवर की बगल वाली सीट पर बैठा था और डॉक्टर पिछली सीट पर। दोपहर के समय ये लोग नेपाल पहुंचे। प्रमोद कुमार ने भन्सार बनवाया था। भन्सार बनवाने के लिए प्रमोद का डी. एल लगवाया गया था।

 

यह भी पढ़ें | गोरखपुर और देवरिया से 7 अन्तर्राज्यीय वाहन चोर गिरफ्तार, कई गाड़ियां बरामद, जानिये UP STF की पूरी कार्रवाई

यह भी पढ़ें: गोरखपुरः पकड़े गये संतोष के हत्यारे.. हत्या की चौंकाने वाली वजह आई सामने

राखी के चाय़ में एल्प्रैक्स दवा का पाउडर मिलाया गया

नेपाल में थोड़ा अंदर जाने पर रास्ते में सड़क पर राखी बैग लेकर खड़ी इन लोगों से मिली। डॉक्टर की बात नेपाल के नंबर से ही राखी से हुई थी। राखी डॉक्टर के बगल में ही उनके साथ गाड़ी में बैठ गई इसके बाद ये लोग पोखरा के लिए निकले। बुटवल से थोड़ा आगे और पालपा से पहले इन लोगों ने नाश्ता किया। बुटवल से लगभग 100 किमी आगे मुलंग में एक छोटे होटल में सभी रात में रूके। इन लोगों ने होटल में दो रूम बुक किये थे। डॉक्टर और राखी एक कमरे में ठहरे थे। इसके बाद सुबह लगभग 11 बजे ये लोग खाना खाकर पोखरा के लिए निकले। लगभग 4-5 बजे सभी पोखरा पहुंचे और डेविस फाल घूमे। इसके बाद राखी ने मार्केटिंग की फिर पोखरा में ही सभी ने नाश्ता किया और उसके बाद पहाड़ के ऊपर सारंगकोट स्थान पर सभी होटल मे रूके। इस होटल में इन लोगों ने चाय और शराब भी पी ली। राखी के चाय़ में डॉक्टर ने एल्प्रैक्स दवा का पाउडर मिला दिया। लगभग रात के 11 बजे राखी की तबियत अचानक खराब होने लगी। फिर ये लोग राखी को लेकर उसी रात पोखरा के लिए निकल गये। गाड़ी में ही राखी बेहोश हो गई। इसके बाद इन लोगों ने राखी को गाड़ी से निकाला और एक पहाड़ से नीचे धक्का दे दिया। 

राखी को पहाड़ से धक्का देने के बाद उनके फोन को नाले में फेंक दिया गया

जिसके बाद ये सभी लोग गोरखपुर के लिए रवाना हो गये। 6 जून 2018 को ये लोग गोरखपुर आ गये। हत्या करने के एवज में डॉक्टर ने प्रमोद कुमार सिंह व देश दीपक निषाद का वेतन प्रतिमाह 5 हजार रूपये बढ़ाने के लिए कहा था। राखी का मोबाइन इन लोगों ने नेपाल में ही नाले में फेंक दिया और सिम कार्ड भी निकाल लिया। सितबंर या अक्टूबर में राखी के सिम को दूसरे मोबाइल में लगाकर गुवाहाटी लेकर जाकर ऑन करके छोड़ दिया। प्रमोद कुमार सिंह और देश दीपक निषाद अवध आसाम ट्रेन से गुवाहाटी गये थे। सिम को गुवाहाटी  में छोड़ने की एवज में इन दोनों को 50 हजार रूपये दिये गये थे। 










संबंधित समाचार