Manipur Violence: क्या मणिपुर हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा सच में छुपा रही सरकार? पढ़िये ये रिपोर्ट
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पूर्वोत्तर राज्य में मरने वालों का स्पष्ट आंकड़ा नहीं दे रही है, जहां देखते ही गोली मारने का आदेश लागू है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पूर्वोत्तर राज्य में मरने वालों का स्पष्ट आंकड़ा नहीं दे रही है, जहां देखते ही गोली मारने का आदेश लागू है।
बनर्जी ने स्थिति की समीक्षा के लिए मणिपुर में एक भी प्रतिनिधि नहीं भेजने के लिए भी केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक बनर्जी ने राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बात करते हुए कर्नाटक के लोगों से स्थिरता और विकास के लिए मतदान करने का आग्रह किया, न कि भाजपा के लिए।
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उन्होंने कहा, ‘‘मैं मणिपुर की स्थिति से काफी तनाव में हूं। हमें देखते ही गोली मारने (के आदेश) से हुई मौतों का स्पष्ट पता नहीं चल रहा है क्योंकि राज्य सरकार कोई सूचना नहीं दे रही है।’’
बनर्जी ने दावा किया कि मणिपुर हिंसा मानव निर्मित संकट है।
मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में 3 मई को 10 पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद पूर्वोत्तर राज्य में हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें कम से कम 54 लोगों की मौत हो गई।
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मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी - नागा और कुकी - आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।