Kerala: इस मंदिर में ओणम पर बंदरों को परोसा जाता है भोज

डीएन ब्यूरो

केरल के एक मंदिर में ओणम के मौके पर बंदरों को पारंपरिक भोज परोसा जाता है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

बंदरों को परोसा जाता है भोज
बंदरों को परोसा जाता है भोज


कोल्लम: केरल के एक मंदिर में ओणम के मौके पर बंदरों को पारंपरिक भोज परोसा जाता है।

भोज में सभी पारंपरिक शाकाहारी व्यंजन, 'पाप्पड़', 'पायसम' (मिठाई), अचार और चावल शामिल होते हैं। इन्हें मंगलवार को यहां सस्थामकोटा में श्री धर्म सास्था मंदिर में ओणम के दिन केले के पत्तों पर बंदरों को परोसा गया।

‘वानर भोजना शाला’ (बंदरों के भोज के लिए समर्पित क्षेत्र) में केले के पत्ते पर आखिरी व्यंजन परोसे जाने तक बंदर धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करते हैं। इसके बाद वे एक-एक करके पेड़ों से नीचे उतरते हैं, उत्सुकता से चारों ओर देखते हैं और प्रत्येक पकवान में अपनी उंगलियां डुबोकर उन्हें चाटते हैं।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मंदिर के एक अधिकारी के अनुसार, मंदिर परिसर में रहने वाले बंदरों को 'ओणसद्य' (भोज) परोसने की प्रथा रामायण युग से चली आ रही है।

उन्होंने  कहा, “ ये कोई नई बात नहीं है। हम दशकों से ऐसा कर रहे हैं। मंदिर में हर दिन इन बंदरों को खाना खिलाया जाता है। ओणम के दिन स्वादिष्ट 'सद्य' परोसा जाता है।”

उन्होंने कहा कि लोग इस अनुष्ठान को शुभ मानते हैं और बहुत से लोग ‘सद्य’ को प्रायोजित करते हैं।

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अधिकारी ने कहा, “इस बार हमें ऐसे दो-तीन प्रायोजक मिल गये हैं। इसलिए, इस ओणम के दौरान इस तरह के अधिक भोज होंगे।”

श्रद्धालुओं का मानना है कि राम-रावण युद्ध के लिए श्रीलंका जाने के दौरान वानर सेना मंदिर आई थी।










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