वाशिंगटन में भारतीय दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों ने फिर दिखाया ये दुस्साहस, पढ़ें ये अपडेट

डीएन ब्यूरो

खालिस्तान समर्थकों का एक समूह यहां भारतीय दूतावास के सामने एकत्र हुआ और हिंसा भड़काने की कोशिश की, लेकिन अमेरिका की ‘सीक्रेट सर्विस’ और स्थानीय पुलिस के समय पर हस्तक्षेप करने से लंदन और सैन फ्रांसिस्को के मिशन पर हुई घटनाओं को फिर होने से रोक दिया गया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

वाशिंगटन में भारतीय दूतावास पर हिंसा भड़काने की कोशिश की
वाशिंगटन में भारतीय दूतावास पर हिंसा भड़काने की कोशिश की


वाशिंगटन: खालिस्तान समर्थकों का एक समूह यहां भारतीय दूतावास के सामने एकत्र हुआ और हिंसा भड़काने की कोशिश की, लेकिन अमेरिका की ‘सीक्रेट सर्विस’ और स्थानीय पुलिस के समय पर हस्तक्षेप करने से लंदन और सैन फ्रांसिस्को के मिशन पर हुई घटनाओं को फिर होने से रोक दिया गया।

वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास के पास अलगाववादी सिख  एकत्र हुए और उन्होंने अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू के खिलाफ अपशब्द कहे और उन्हें सार्वजनिक रूप से धमकी दी। प्रदर्शन के समय संधू दूतावास में नहीं थे।

प्रदर्शन स्थल पर कुछ प्रदर्शनकारी अन्य प्रदर्शनकारियों को हिंसा में शामिल होने और इमारत की खिड़कियां एवं शीशे तोड़ने के लिए भड़काते देखे गए।

यह भी पढ़ें | खार्तूम में हिंसा के बाद सूडान में रह रहे सभी भारतीयों को दूतावास ने दी ये खास सलाह

चीजें नियंत्रण से बाहर हो सकने की आशंका के मद्देनजर सीक्रेट सर्विस और स्थानीय पुलिस ने अतिरिक्त बलों को तुरंत तैनात किया और कम से कम तीन पुलिस वैन दूतावास के सामने खड़ी की गईं।

एक समय, पांच प्रदर्शनकारियों ने तेजी से सड़क पार की और वे दूतावास के पास उस खंभे तक पहुंच गए, जिस पर तिरंगा था, लेकिन सीक्रेट सर्विस के कर्मियों ने तुरंत वहां पहुंचकर उनसे प्रदर्शन के लिए तय क्षेत्र में जाने को कहा।

ऐसा प्रतीत हो रहा था कि प्रदर्शनकारी सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास और लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में भारतीय संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसी घटनाएं करने के इरादे से आए थे।

यह भी पढ़ें | अमेरिका में सिख कर्मी को दाढ़ी बढ़ाने से रोकने के मुद्दे पर बड़ा अपडेट, भारतीय दूतावास ने किया ये काम

एक पत्रकार ने अलगाववादियों को लकड़ी के डंडों के दो गट्ठे लाते देखा, जो दूतावास के सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा वाले उद्यान में रखे गए थे।

 










संबंधित समाचार