Sankashti Chaturthi 2024: सकष्टी चतुर्थी आज, जानें कैसे चमकेगी किस्मत
आज देश में संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है। यह मुख्य रूप से बिहार में मनाया जाता है। डाइनामाइट न्यूज के इस आर्टिकल में जानिये संकष्टी चतुर्थी का महत्व व इसकी पूजा विधि।
नई दिल्ली: भादो महीने की संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) को बहुला चौथ, भादवा चौथ और भादो चौथ के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग व्रत रख भगवान गणेश (Lord Ganesh) की पूजा करते हैं। यह व्रत चंद्रोदय के बाद ही पूरा होता है। माना जाता है कि भादो चौथ में जो गाय (Cow) की पूजा करता है उसकी किस्मत चमक जाती है।
संकष्टी चतुर्थी 2024 तारीख व मुहूर्त
संकष्टी चतुर्थी 22 अगस्त यानी आज गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:40 से शाम 07:06 बजे तक रहेगा। चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 22 अगस्त की दोपहर 1 बजकर 46 मिनट पर होगा। इसका समापन 23 अगस्त की सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर होगा।
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संकष्टी चतुर्थी चंद्रोदय समय 2024
22 अगस्त को चंद्रोदय (Moonrise) रात 08:43 बजे होगा। भाद्र पद संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा की पूजा करना अनिवार्य माना जाता है। इसके बिना ये व्रत पूरा नहीं माना जाता। इसलिए व्रती चंद्रमा को अर्घ्य जरूर देती हैं।
पूजा विधि
आज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिये। फिर गायों और बछड़ों को स्नान करवाना चाहिये। यदि आपने व्रत (Fast) रखा है तो गेहूं से बने किसी भी प्रकार के भोजन का सेवन न करें।
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व्रती को इस दिन चाकू (Knife) का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस दिन गौ पूजन के बाद घर में ही श्री कृष्ण और विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए। शाम को गोधुली बेला में गाय और बछड़ों की पूजा करनी चाहिए। आस-पास गाय नहीं है तो गाय और बछड़े की तस्वीर की पूजा करें।
भादो संकष्टी चतुर्थी का महत्व
संकष्टी चतुर्थी मुख्य रूप से गुजरात (Gujarat) में मनाया जाता है। इस दिन गौ माता की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। व्रत रखने वाले लोगों को इस दिन दूध और दूध से बनी चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये। इस दिन गौ माता की पूजा अर्चना करने के साथ ही भगवान कृष्ण की भी पूजा होती है।