टूलकिट मामले में बेंगलुरु से दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इस मामले में दो और आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करवाया है। जानें क्या होता है टूलकिट
बेंगलुरु की जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बेंगलुरु की जलवायु कार्यकर्ता 22 वर्षीय दिशा रवि को दिल्ली पुलिस को पांच दिनों की रिमांड पर सौंपा है।
टूलकिट' को सोशल मीडिया पर शेयर करने का आरोप
दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि पर किसानों के समर्थन में बनाई गई एक विवादित 'टूलकिट' को सोशल मीडिया पर शेयर करने का आरोप लगाया है। ये वही टूलकिट है जो पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर शेयर की थी।
टूलकिट
"टूलकिट" किसी भी मुद्दे को समझाने के लिए बनाया गया एक गूगल डॉक्यूमेंट होता है। यह इस बात की जानकारी देता है कि किसी समस्या के समाधान के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए?
एक्शन प्वाइंट्स दर्ज
यानी इसमें एक्शन प्वाइंट्स दर्ज होते हैं। इसे ही टूलकिट कहते हैं।
सोशल मीडिया के संदर्भ में इस्तेमाल
इसका इस्तेमाल सोशल मीडिया के संदर्भ में होता है, जिसमें सोशल मीडिया पर कैम्पेन स्ट्रेटजी के अलावा वास्तविक रूप में सामूहिक प्रदर्शन या आंदोलन करने से जुड़ी जानकारी दी जाती है।
जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सबसे पहले लकिट अपलोड किया था
इस मामले में जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सबसे पहले तीन फरवरी को किसान आंदोलन से जुड़ा एक टूलकिट ट्विटर पर सोशल किया था। हालांकि, बाद में उसे डिलीट कर दिया गया। फिर चार फरवरी को अपडेटेट टूलकिट अपलोड किया था।
बेंगलुरू की दिशा रवि
दिल्ली पुलिस ने इस टूलकिट को विद्रोह पैदा करने वाला दस्तावेज बताते हुए इसके लेखकों के खिलाफ आईपीसी की धारा-124ए, 153ए, 153, 120बी के तहत केस दर्ज कर लिया। आरोप है कि इसी टूलकिट को बेंगलुरू की दिशा रवि ने एडिट किया है।
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