जानिये क्या हैं NEET विवाद, लाखो छात्रों का भविष्य अधर में, NTA की साख पर उठे सवाल
अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए होने वाली नीट परीक्षा कंट्रोवर्सी में है, इसमें शामिल होने वाले कैंडिडेट्स ने कई मुद्दे उठाए हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: सीईयूटी के बाद देश की सबसे बड़ी परीक्षा नीट (NEET UG) विवादों के घेरे में है। इस साल नीट यूजी परीक्षा में 24 लाख से अधिक छात्र बैठे। राजधानी दिल्ली से लेकर देश के तमाम शहरों में नीट परीक्षा के परिणाम के खिलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। देश की सबसे बड़ी टेस्टिंग एजेंसी NTA की साख पर सवाल उठ रहे हैं और घोषित परणामों को लेकर उठ रहे सवालों के साथ ही लाखों छात्रों का भविष्य अधर में पड़ता प्रतीत हो रहा है। आईएमए जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क भी नीट परीक्षा परिणाम की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
नीट के परीक्षा परिणाम को लेकर देश की सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इसके लिये मोदी सरकार पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होने की बात कर रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे आखिर नीट विवाद है क्या और क्यों उठ रहे हैं परीक्षा परिणामों पर सवाल?
NTA पर उठे सवाल
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दरअसल, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 4 जून को नीट यूजी यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट के रिजल्ट की घोषणा की है। नीट परिणाम सामने आते ही देश के लाखों छात्रों के चेहरे खिल उठे, क्योंकि देश की कठिन परीक्षा में शामिल नीट में इस बार कई छात्रों ने नया रिकार्ड बनाया। लगभग 67 छात्रों को 720 में 718 और 719 अंक मिले। यानी ये सभी एक तरह से नीट के टॉपर बने।
सबसे आश्चर्य की बात ये भी रही कि देश के कुल 4750 परीक्षा केंद्रों में कई केद्रों के छात्रों ने टॉप रैंक हासिल किया। एक ही परीक्षा केंद्र से 8 स्टूडेंट को 1 रैंक मिला।
परीक्षा परिणाम को लेकर यह भी सबसे बड़ा सवा उठ रहा है कि नीट परीक्षा की नकारात्मक अंकन प्रणाली के अनुसार छात्रों को 720 में से 718-719 अंक कैसे मिले। ग्रेस मार्क्स की कोई सूची भी साझा नहीं की गई।
कैसे होता है मूल्यांकन
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दरअसल डॉक्टर बनने के लिये जरूरी नीट परीक्षा में एक सही उत्तर के लिए 4 मार्क्स दिए जाते हैं और गलत उत्तर के लिए 1 मार्क्स काटा जाता हैं। ऐसे में यदि उदाहरण के लिये कोई छात्र एक प्रश्न छोड़ता है तो उसके 716 मार्क्स आएंगे। यद वह एक गलत उत्तर देता है कि उसके 715 (-4-1) आएंगे। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि छात्रों के 720 में से 717, 718 या 719 अंक कैसे आये?
परिणामो की हो CBI जांच
आईएमए जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क के राष्ट्रीय संयोजक, डॉ. इंद्रनील देशमुख ने मीडिया को दिये एक बयान में कहा है कि नीट में नकारात्मक अंकन प्रणाली के अनुसार छात्रों के लिए 718-719 अंक प्राप्त करना असंभव है। उन्होंने कहा कि यदि नीट परिणाम की सीबीआई जांच की मांगें पूरी नहीं हुईं तो आईएमए जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क अखिल भारतीय हड़ताल करेगा।