अधिवक्ता संशोधन बिल: वकीलों का फूटा आक्रोश, रायबरेली में वकीले उतरे सड़कों पर
रायबरेली में आज अधिवक्ता संशोधन बिल वापस लिए जाने के लिए वकीलों ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

रायबरेली: अधिवक्ता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलेश चन्द्र पाण्डेय के अध्यक्षता में आज रायबरेली कलेक्टर परिसर में जम कर केंद्र सरकार के विरोध में नारे बाजी कर के विरोध जताया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कमलेश चन्द्र पाण्डे ने कहा कि कानून मंत्री विधि मंत्रालय भारत सरकार को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौप कर मांग गई है। केन्द्र सरकार द्वारा एडवोकेट्स एक्ट 1961 में संशोधन किए जाने हेतु प्रस्तावित एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल 2025 का जो प्रारूप तैयार किया गया है वह पूर्ण रूप से अधिवक्ता समाज के मौलिक अधिकारों को समाप्त करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
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अधिवक्ता समुदाय ही समय-समय पर सरकार पर गलत कार्यों के विरोध विभिन्न स्तरों पर भारत की न्यायपालिका के समक्ष जनमानस की आवाज को उठता है। वर्तमान बिल केंद्र सरकार की अधिवक्ता विरोधी मानसिकता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है यदि केंद्र सरकार वास्तव में अधिवक्ता समाज का हित चाहती तो वर्तमान संशोधन बिल में अधिवक्ताओं को मृत्योप्रांत दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि का उल्लेख होता। अधिवक्ताओं की बीमा संबंधी किसी योजना का क्रियांन्वयन किया जाता जो कि नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि अतिरिक्त न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं के बैठने के लिए चैंबर आदि मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी कोई प्रस्ताव नहीं किया गया है। वास्तव में केंद्र सरकार इस बिल के माध्यम से अधिवक्ताओं के संवैधानिक अधिकारों का हनन करना चाहती है। जिसके लिए इस बिल में अधिवक्ताओं द्वारा किए किये जाने वाले विरोध प्रदर्शन को अवैध घोषित किया गया है। और दंडात्मक कार्यवाही की बात की गई है जो कि सर्वथा अनुचित है।
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उन्होंने कहा कि जनपद रायबरेली का संपूर्ण अधिवक्ता समाज इस अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 का घोर विरोध करता है और यह आग्रह किया जाता है कि इस बिल को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।