उपराज्यपाल ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की स्थापना को मंजूरी दी, आप सरकार पर साधा निशाना
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण (एसएमएचए) की स्थापना को मंजूरी दे दी और इसके लिए पैनल गठित करने में करीब पांच वर्षों के विलंब को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण (एसएमएचए) की स्थापना को मंजूरी दे दी और इसके लिए पैनल गठित करने में करीब पांच वर्षों के विलंब को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक बयान में कहा, चूंकि जीएनसीटीडी संशोधन अधिनियम लागू है, उपराज्यपाल अपने विवेक के अनुसार सदस्यों की सिफारिश करना चाहते हैं और यही ‘‘वास्तविक कारण’’ है कि वह प्राधिकरण में सदस्यों के रूप में विशेषज्ञों को नामित नहीं किए जाने से ‘‘इतने नाखुश’’ हैं।
भारद्वाज ने कहा कि अगर उपराज्यपाल को नागरिकों के स्वास्थ्य की इतनी ही चिंता है तो उन्हें उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने सरकारी अस्पतालों में कम्प्यूटरीकृत ओपीडी काउंटर को ‘‘अचानक बंद’’ कर दिया और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने गरीब मरीजों के लिए मुफ्त प्रयोगशाला सेवाएं बंद करने की ‘‘साजिश’’ रची।
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केंद्रीय मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 में मानसिक बीमारियों से पीड़ित मरीजों के कल्याण के लिए राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के गठन को अनिवार्य कर दिया गया है। अधिनियम के तहत प्राधिकरण में पदेन सरकारी सदस्यों के अलावा स्वतंत्र विशेषज्ञ, रोगी प्रतिनिधि, देखभालकर्ता और एनजीओ को रखने के प्रावधान किये गये हैं।
अधिकारियों ने कहा, ''दिल्ली को अभी तक अपने एसएमएचए का इंतजार है। केंद्र के भारी दबाव के अंतर्गत दिल्ली सरकार ने आखिरकार पांच वर्षों के विलंब के बाद सिर्फ पदेन सदस्यों के साथ दिल्ली एसएमएचए की स्थापना के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया है।''
उपराज्यपाल ने प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए मामले में राज्य सरकार की उदासीनता पर निशाना साधा।
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एसएमएचए की फाइल को मंजूरी देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि प्राधिकरण को राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 के अधिनियमन के नौ महीने के भीतर स्थापित किया जाना था।
उपराज्यपाल ने कहा कि इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि 29 अगस्त, 2022 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को पत्र लिखकर एसएमएचए की स्थापना के लिए शीघ्र कार्रवाई करने का अनुरोध करना पड़ा, ताकि दिल्ली सरकार की इस मुद्दे पर नींद टूटे।