DN Exclusive: प्रिया राय आत्महत्या कांड में अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार, वाराणसी के एसएसपी रहे IPS अमित पाठक के निलंबन की तैयारी
रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा वाराणसी के एसएसपी रहे अमित पाठक को निलंबित करने की तैयारी कर ली गयी है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:
लखनऊ: बसपा सांसद अतुल राय केस की रेप पीड़िता प्रिया राय ने कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह कर लिया था, जिसकी बाद में मौत हो गयी थी। इस मामले में एसआईटी की रिपोर्ट के बाद लखनऊ पुलिस ने अक्सर चर्चा में रहने वाले रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया है।
ठाकुर पर आरोप है कि इन्होंने आरोपाी सांसद अतुल राय के साथ मिलकर प्रिया राय को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया।
इसके अलावा डाइनामाइट न्यूज़ को उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी रहे अमित पाठक को किसी भी क्षण निलंबित किया जा सकता है। पाठक पर बेहद संगीन आरोप है कि पीड़िता ने नवंबर 2020 में दी उनको लिखित शिकायत दी थी कि उसे अमिताभ ठाकुर आत्महत्या के लिए मजबूर कर रहे हैं लेकिन मृतका के इस शिकायती पत्र पर पाठक ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यही नहीं पाठक पर इससे भी संगीन आरोप यह लगा कि वे मृतका प्रिया राय के साथ हुए रेपकांड में हिस्ट्रीशीटर सांसद अतुल राय को बचा रहे थे।
इसकी सबसे बड़ी वजह यह निकलकर आयी कि प्रिया राय के रेप कांड की एफआईआर में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय को भेज दी, इसके बाद भी एसएसपी आरोपियों को बचाने की नीयत से दोबारा एफआईआर की विवेचना कराने लगे। इस हरकत के बाद अमित पाठक पर और अधिक सवाल उठने शुरु हो गये।
एसआईटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद अब ठाकुर तो गिरफ्तार कर ही लिये गये हैं लेकिन असली तलवार अब अमित पाठक पर लटक गयी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक दस नवंबर 2020 को एसएसपी पाठक को दिये अपने पत्र में मृतका ने सिलसिलेवार तरीके से लिखा था कि किस तरह से साजिश हो रही है और कैसे ठाकुर के पास सीओ भेलपुर की गोपनीय रिपोर्ट पहुंची। पीड़िता ने कहा कि ठाकुर ने यह जानने के बावजूद कि सीओ भेलपुर की रिपोर्ट अंतिम नहीं है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसके बावजूद ठाकुर ने उसे सार्वजनिक कर बदनाम किया।
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इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि तत्कालीन SSP अमित पाठक ने आखिर क्यों नवंबर 2020 की शिकायत पर गंभीरता नहीं दिखायी, यदि समय रहते पाठक ने प्रभावी एक्शन लिया होता तो शायद आज मृतका जीवित होती।
पाठक 2007 बैच के आईपीएस हैं। इनके बारे में कहा जा रहा है कि ये वाराणसी से लेकर गाजियाबाद तक के SSP रहे पाठक हर जगह विवादित रहे। इसी 24 अगस्त को इनको फील्ड से हटाकर डीआईजी मुख्यालय में डीआईजी लोक शिकायत बनाया गया है।