बैंक हॉलीडेज..घबरायें नहीं, वित्त वर्ष के बैंकिंग लेन-देन को मिलेगा एक और मौका
31 मार्च को वित्त वर्ष 2017-18 खत्म होने जा रहा है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिये जरूरी बैंकिग लेन-देन को लेकर लोगों की चिंतायें बढ़ रही है, क्योंकि अगले कुछ दिन बैंक बंद रहने वाले है, लेकिन फिर भी आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। जाने क्यों..
लखनऊ: 31 मार्च को वित्त वर्ष 2017-18 खत्म होने जा रहा है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिये जरूरी बैंकिग लेन-देन को लेकर लोगों की चिंतायें बढ़ रही है, क्योंकि अगले कुछ दिनों बैंक बंद रहने वाले है। सोशल मीडिया पर तेजी से खबर फैल रही है कि 29 मार्च से 2 अप्रैल तक पांच दिन के लिये सभी बैंक बंद रहेंगे। दरअसल 29 मार्च को महावीर जयंती, 30 मार्च को गुड फ्राइडे, 31 मार्च को अंतिम शनिवार, 1 अप्रैल को रविवार औऱ 2 अप्रैल को वार्षिक लेखाबंदी के कारण बैंक बंद रहेंगे, लेकिन ये पूरी तरह सच नहीं है। इन सभी तारीखों के बीच एक मौका बाकी है।
अगर मौजूदा वित्त वर्ष से संबंधित आपका कोई बैंकिंग लेने-देन, टैक्स इत्यादि बाकि है तो आपको घबराने या चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। दरअसल 31 मार्च को इस माह का अंतिम औऱ पांचवा शनिवार है, इसलिये 31 मार्च को ग्राहकों के लिये बैंक खुले रहेंगे। आप अपना बैंकिंग लेने-देन 31 मार्च को कर सकते हैं।
बैंकों के 4 दिन बंद रहने पर जानिए ग्राहकों की राय
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31 मार्च को बैंक खुले रहने के बावजूद भी मौजूदा वित्त वर्ष के अंतिम दिनों में बैंकिंग कामकाज के लिये काफी कम समय मिलने से लोगों में फिर भी काफी घबराहट है। इसी को लेकर डाइनामाइट न्यूज ने लोगों से उनकी राय जाननी चाही।
बैंक ग्राहकों ने कहा कि यदि छुट्टियों के बीच में किसी के परिवार में कोई बीमार पड़ जाए तो ऐसे में अचानक कैश की कमी से जूझना पड़ सकता है, जो एक बड़ी समस्या हो सकती है।
इसलिये छुट्टियों के बीच अपने पास जरूरत भर का कैश जरूर रखें।
बैंक छुट्टियों के दौरान आपको अपनी जेब में जरूरत भर का कैश अभी से रख लेना चाहिए, नहीं तो आपको छुट्टियों के बीच में काफी मुसीबतों से जूझना पड़ सकता है।
वहीं वित्त वर्ष 2017-18 खत्म होने में अब सिर्फ कुछ दिन बाकी हैं। 31 मार्च इस वित्त वर्ष की आखिरी तारीख है। ऐसे में आपको इससे पहले कुछ जरूरी काम निपटाने अहम हैं। 31 मार्च से पहले आपको पीपीएफ में न्यूनतम रकम का निवेश करने के साथ ही एनपीएस में भी न्यूनतम राशि जमा करवाना जरूरी है। यदि आप ऐसा नहीं कर पाते तब आपको जुर्माना भी देना पड़ सकता है। गौरतलब है कि पीपीएफ में आपको साल में न्यूनतम 500 रुपये जमा करने होते हैं। जबकि एनपीएस में आपको साल का 6 हजार रुपये जमा करना होता है।