उमेश पाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा, अशरफ से बरेली जेल में असद और शूटरों ने की थी मुलाकात, जानिये पूरा अपडेट
प्रयागराज में उमेश पाल और दो पुलिसकर्मियों की हत्या में नामजद किये गये असद एवं अन्य शूटरों का बरेली जेल से निकलते हुए एक वीडियो सार्वजनिक हुआ है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
बरेली: प्रयागराज में उमेश पाल और दो पुलिसकर्मियों की हत्या में नामजद किये गये असद एवं अन्य शूटरों का बरेली जेल से निकलते हुए एक वीडियो सार्वजनिक हुआ है। पुलिस मामले में विधिक कार्रवाई कर रही है।
प्रयागराज में विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल एवं दो पुलिसकर्मियों की 24 फरवरी को धूमनगंज इलाके में हुई हत्या के मामले में नामजद शूटरों का रविवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया। उसमें बरेली जिला जेल से माफिया एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथी निकलते हुए दिख रहे हैं।
बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रभाकर चौधरी ने बताया कि बरेली जेल में अशरफ से मिलने आए शूटरों का वीडियो सार्वजनिक हुआ है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि 12 फरवरी का यह वीडियो अतीक के भाई पूर्व विधायक अशरफ से जेल में असद एवं उसके सहयोगियों की मुलाकात के बाद निकलते समय का है। यह विशेष जांच दल (एसआईटी) के हाथ लगा है और इस अवैध मुलाकात की पुष्टि हो चुकी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक वीडियो में अतीक के बेटे असद, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम, उस्मान एवं अन्य आरोपी एक साथ निकलते दिख रहे हैं। जेल प्रशासन ने बाकायदा, शूटरों का जेल से निकलते वीडियो भी बरेली पुलिस एवं प्रयागराज पुलिस को सौंपा।
गौरतलब है कि 15 अप्रैल की रात को प्रयागराज में चिकित्सकीय परीक्षण के लिए मेडिकल कालेज ले जाते समय पुलिस अभिरक्षा में अतीक अहमद और अशरफ पर तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी कर उनकी हत्या कर दी। इसके दो दिन पहले झांसी में उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने एक मुठभेड़ में असद और गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके पहले छह मार्च को उस्मान भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था, जबकि गुड़डू मुस्लिम फरार है।
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अतीक, अशरफ, असद, गुलाम और गुडडू मुस्लिम समेत कई आरोपी उमेश पाल और दो पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में नामजद किये गये थे। पुलिस ने रिमांड पर अतीक को गुजरात की साबरमती जेल तथा अशरफ को बरेली जेल से लेकर पूछताछ के लिए प्रयागराज ले गयी थी, जहां 15 अप्रैल की रात दोनों की हत्या कर दी गयी।
उमेशपाल एवं दो पुलिसकर्मियों के हत्याकांड के बाद बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में अतीक के भाई अशरफ, उसके साले सद्दाम, गुर्गे लल्ला गद्दी, जेल वार्डन शिवहरि अवस्थी, कैंटीन संचालक दयाराम उर्फ नन्हे, जेल अधिकारी, कर्मचारी एवं अज्ञात के खिलाफ षड्यंत्र रचने, रंगदारी, अपराधियों को संरक्षण देने और अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी। लल्ला गद्दी समेत नौ आरोपियों को इस आधार पर जेल भेजा गया कि वे अशरफ के साले सद्दाम के लिए काम करते थे। सद्दाम एवं लल्ला गद्दी के जरिये ही आरोपी बरेली जिला जेल में अवैध रूप से अशरफ से मिले।
एसटीएफ की जांच में अतीक अहमद के बेटे असद का आधार कार्ड पर्ची के साथ मिला था। सात-आठ लोग 11 फरवरी को दोपहर एक बजकर 22 मिनट पर जेल आए थे और तीन बजकर 14 मिनट पर वे वहां से गये। वे पौने दो घंटे जेल में रहे।