यूपी उपचुनाव: हार के कारणों का पता लगाने के लिये योगी ने टाले अपने कार्यक्रम
मुख्यमंत्री बनने के लगभग 1 साल बाद अपनी लगभग तीन दशक पुरानी पसंदीदा गोरखपुर सीट को सस्ते में गंवाने का सबसे ज्यादा मलाल भी योगी को ही है, उन्होंने भी इस हार की कभी कल्पना नहीं की थी और इसलिये इसके पीछे के अदृश्य कारणों को जानने की उनकी अनिच्छित दिलचस्पी भी लाजमी है।
लखनऊ: यूपी उपचुनावों के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ही साफ कर दिया था कि वो चुनावी हार के कारणों की समीक्षा करेंगे। उप चुनाव में मिली हार को सीएम योगी काफी गंभीरता से ले रहे है। योगी ने गुरुवार को अपने सभी पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रमों और यात्राओं को टालने का फैसला लिया। योगी अधिकारियों और अपने मंत्रीमंडल के सदस्यों से मिलकर केवल हार के कारणों पर चर्चा करेंगे, इसलिये उन्होंने ये कार्यक्रम टाले।
गौरतलब है कि विपक्ष समेत एनडीए में सहयोगी कुछ पार्टी के नेता यूपी उपचुनाव में मिली करारी हार का ठीकरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर फोड़ने की कोशिश कर रहे है। मुख्यमंत्री की गोरखपुर सीट को न बचा पाने के लिये योगी की सर्वाधिक आलोचना की जा रही है। माना जा रहा है कि यूपी में अपनी जीत को लेकर भाजपा नेताओं का अति उत्साह और आत्मविश्वास हार का बड़ा कारण बना।
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यूपी में गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव की अप्रत्याशित हार पर पार्टी हाईकमान भी सीएम योगी को अगले कुछ दिनो में दिल्ली तलब कर सकता है और इस मामले पर उनका फीड बैक लिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी लगभग तीन दशक पुरानी पंसदीदा गोरखपुर सीट को सस्ते में गंवाने का सबसे ज्यादा मलाल भी योगी को ही है, उन्होंने भी इस हार की कभी कल्पना नहीं की होगी और इसलिये इसके पीछे के अदृश्य कारणों को जानने की उनकी अनिच्छित दिलचस्पी भी लाजमी है।
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सीएम योगी ने हार के कारणों को जानने के लिये गुरूवार के अपने सभी पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रमों के टाल दिया है, इसमें योगी के कुछ टॉप ऑफिशियल मीटिंग्स और यात्राएं भी शामिल है। इन सभी को दरकिनार कर योगी अब सभी अधिकारियों और मंत्रीमंडल सहयोगियों के साथ बैठक करेंगे और हार के कारणों का पता लगायेंगे। योगी यह भी जानना चाहेंगे कि हो न हों कहीं इस हार के पीछे उनके किसी अपने का ही हाथ न हो, जिसने उनका कद घटाने के लिये इस हार की साजिश रची हो, क्योंकि आपसी खींचतान भी राजनीति का एक अहम हिस्सा माना जाता है और इसे यूपी के सीएम योगी भी भलीभांति जानते होंगे।