UP PCS exam: पीसीएस परीक्षा देने गईं भारत अवार्ड विजेता रेशम फातिमा के साथ लखनऊ में अभद्रता, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा देने आईं भारत अवार्ड विजेता गोल्ड मेडलिस्ट रेशम फातिमा के साथ लखनऊ में अभद्रता का बड़ा मामला सामने आया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

रेशमा को बहादुरी के लिये मिल चुके हैं कई अवॉर्ड (फाइल फोटो)
रेशमा को बहादुरी के लिये मिल चुके हैं कई अवॉर्ड (फाइल फोटो)


लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आज राज्य में पीसीएस परीक्षा प्रिलिम्स-2021 का आयोजन किया गया। यह परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई। इस दौरान राजधानी लखनऊ से एक गंभीर मामला सामने आया है। यहां पीसीएस परीक्षा देने भारत अवार्ड विजेता और गोल्ड मेडलिस्ट रेशम फातिमा के साथ लखनऊ में अभद्रता की गई। परीक्षा केंद्र के कुछ शिक्षकों पर आरोप है कि पहली पाली में परीक्षा देने पहुंची रेशम फातिमा के साथ तलाशी के नाम पर अभ्रदता की गई। मामले की शिकायत परीक्षा के नोडल अपर जिलाधिकारी से की गई है, जिन्होंने इस केस में कार्रवाई का आश्वासन दिया है। 

यह मामला राजधानी लखनऊ में पारा के राम विहार कालोनी के मानवता इंटर कालेज के परीक्षा केंद्र का है। यहां पीसीएस प्री परीक्षा देने के लिये भारत अवार्ड विजेता रेशमा फातिमा भी पहुंची थीं। बताया जाता है कि परीक्षा केंद्र में जाने से पहले रेशमा की तलाशी के नाम पर कुछ शिक्षकों ने उनसे अभद्रता की। रेशमा के साथ गए उनके मामा इरफान अहमद से भी अभद्रता की गई और विरोध करने पर उन्हें सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी गई। 

रेशमा के मामा इरफान ने परीक्षा के नोडल अपर जिलाधिकारी से मामले की शिकायत की है। अपर जिलाधिकारी ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद मामला जैसे-तैसे शांत हुआ। 

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2014 में भारत अवार्ड

रेशम फातिमा को उनकी बहादुरी के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में भारत अवार्ड से सम्मानित कर गोल्ड मेडल दिया। रेशमा तब यह गोल्ड मेडल पाने वाली वह देश की इकलौती बहादुर थीं।

2015 में रानी लक्ष्मी बाई अवॉर्ड

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पीएम मोदी के उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी रेशमा फातिमा को 2015 में रानी लक्ष्मी बाई के नाम से यूपी में शुरू किया गया पहला अवार्ड दिया था। रेशमा को अन्य कई संगठनों द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। 

दरिंदगी का शिकार हुई रेशमा ने नहीं छोड़ी हिम्मत

रेशमा फातिमा कानपुर रोड के बदालीखेड़ा निवासी है। 2014 में रेशमा जब 11वीं कक्षा में पढ़ रही थीं, तब उसके साथ बदसलूकी की गई और विरोध करने पर दरिंदे ने उसके चेहरे पर तेजाब डाल दिया। रेशमा के चेहरे पर तेजाब डालने वाला उसका ही एक रिश्तेदार था। तब एसिड अटैक की शिकार रेशमा ने हिम्मत नहीं हारी। वह झुलसा चेहरा औऱ दर्द कराहती हुई निकट के पुलिस चौकी तक पहुंची। जहां से उसे लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया और लंबे इलाज के बाद वह सामान्य जीवन में लौटी। उसकी बहादुरी पर कई किताबें भी लिखी जा चुकी है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने रेशमा को सम्मानित किया था। उसे उसकी बहादुरी के लिये कई सम्मान मिल चुके हैं।










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