यूपी के दोनों डिप्टी सीएम के हाथ मिलाकर मुस्कराने की तस्वीर पर सपा ने कसा तंज, जानिये क्या कहा
समाजवादी पार्टी (सपा) ने रविवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक की एक विशेष विमान में मुस्कुराते हुई हाथ मिलाने वाली तस्वीर के जरिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्रियों के बीच कथित तनाव पर तंज किया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) ने रविवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक की एक विशेष विमान में मुस्कुराते हुई हाथ मिलाने वाली तस्वीर के जरिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्रियों के बीच कथित तनाव पर तंज किया है
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक रविवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने समाजवादी मीडिया सेल के दो ट्वीट को रीट्वीट किया जिनमें एक विशेष विमान में गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक की मुस्कुराती हुई तस्वीर साझा करते हुए कहा गया है - ''चलो मिलकर पलटाई।'' (चलो मिलकर पलट देते हैं)।
दूसरे ट्वीट में कहा गया है, '' 50-50 का जुगाड़ मिलकर कर लिया, 100 सपा वाले प्लस राजभर, निषाद, पटेल बन गयी अपनी सरकार।''
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यादव ने पिछले वर्ष सितंबर में एक चैनल को दिये गये साक्षात्कार में कहा था,‘‘ केशव प्रसाद मौर्य अपने 100 विधायक लेकर आएं, हम उन्हें मुख्यमंत्री बना देंगे।’’
उसके बाद मौर्य ने अखिलेश यादव को सपा में टूट रोकने की नसीहत देते हुए दावा किया था कि सपा के 100 विधायक भाजपा में आने को तैयार हैं।
सपा प्रमुख के ट्वीट के कुछ देर बाद उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को एक ट्वीट में निशाना साधते हुए कहा'' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सरकार की सफलता से जनता खुश, विपक्ष परेशान है, एक पूर्व मुख्यमंत्री मंडली सहित हैरान हैं, यही भाजपा की पहचान है।''
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उल्लेखनीय है कि इस माह की शुरुआत में विधानसभा के बजट सत्र के समापन के बाद एक समूह फोटोग्राफी में दोनों उप मुख्यमंत्रियों की अनुपस्थिति पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने ट्वीट किया था, “दोनों उपमुख्यमंत्रियों के बिना खींची गई सदन-विधायकों की तस्वीर अधूरी है। हमारी मांग है कि सरकार की तरफ़ से उनकी अनुपस्थिति का स्पष्टीकरण आए कि क्या वे लोग आए नहीं या बुलाए नहीं गए? क्या उपमुख्यमंत्रियों के पद का कोई महत्व है या नहीं? क्या उनकी गिनती होती भी है या नहीं?”