महराजगंज: सरकारी अस्पतालों ने बढ़ाया पीड़ितों का मर्ज, जानवरों के काटने पर इंजेक्शन लगवाने के लिये भटक रहे लोग

डीएन ब्यूरो

सरकारी अस्पतालों के हाल दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे है। हर सुविधा का दावा करने वाले अस्पताल लोगों को जानवरों के काटने पर इलाज और इंजेक्शन उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट



महराजगंज: बड़े-बड़े दावे करने वाले सरकारी अस्पतालों से लोगों की भरोसा उठता जा रहा है। कुत्ते-बिल्ली के काटने पर इलाज और इंजेक्शन के लिये जनता दर-दर की ठोकरें खा रही है। जानवरों के काटे जाने पर इंजेक्शन लगवाने के लिये अस्पतालों द्वारा मरीजों को एक सीएचसी से दूसरे सीएचसी के चक्कर कटवाये जा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी पीड़ितों को इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे जिले के स्वास्थ्य महकमें के प्रति लोगों में कई बार भारी रोष भी देखा जाता है। 

जिले के कोल्हुई बाज़ार निवासी हसीना खातून को बिल्ली ने काट लिया था। इसी तरह खरहरवा निवासी एक महिला को कुत्ते ने काटा था। जानवरों के काटने पर इंजेक्शन लगवाने के लिए ये दोनों महिलाएं लक्ष्मीपुर सीएचसी गई। लक्ष्मीपुर सीएचसी ने इंजेक्शन न होना बताकर दोनों पीड़ितों को बनकटी भेज दिया। बनकटी से भी इंजेक्शन न होने की बात कहकर दोनों को अपने ब्लॉक पर जाकर इंजेक्शन लगवाने को कहा।

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पीड़ित महिलाएं इसके बाद सीएचसी बृजमनगंज पहुंची, यहां भी स्टाफ ने बताया कि इंजेक्शन नहीं है। बृजमनगंज ने उन्हें सीएचसी बनकटी भेजा। पीड़ित महिलाएं अस्पतालों के चक्कर काटकर और दौड़-दौड़ कर परेशान हो गई, लेकिन उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है।

पीड़ित महिलाओं ने बताया कि तीनों सीएचसी से उन्हें इंजेक्शन न होने की बात कहकर लौटा दिया गया। इलाज के अभाव में पीड़ित लगातार भटक रहे है।

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