महराजगंज: भाजपा की गुटबाजी हुई सार्वजनिक, लोकसभा चुनाव से पहले बजी खतरे की घंटी

शिवेंद्र चतुर्वेदी

'पार्टी विद डिफरेंस' का नारा हर गली-मुहल्लों में चीख-चीख कर लगाने वाली सत्तारुढ़ पार्टी का अनुशासन जिले में तार-तार हो गया है। पिछले दस महीने से जिस गुटबाजी को लेकर अंदरखाने में चर्चा होती थी अब वह बेपर्दा कर दी गयी है। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..

प्रेम सागर पटेल की फोटो काटने के बाद फेसबुक पर शेयर तस्वीर
प्रेम सागर पटेल की फोटो काटने के बाद फेसबुक पर शेयर तस्वीर


महराजगंज: फेसबुक भी बड़ी अजब चीज है.. 'राज' को राज रहने ही नही देता.. कुछ ऐसा ही हुआ है जिले में भाजपाईयों के साथ। सत्ता का खुमार इन पर इन दिनों जबरदस्त चढ़ा है तभी तो अपने भी पराये नज़र आने लगे हैं। वजह है जिले में बर्चस्व की लड़ाई।

तीन खेमों में बंटी भाजपा

अब तक जिले में दबी-छिपी जुबान से चर्चा थी कि जिले में नेताओं के तीन गुट हैं.. पहला सांसद पंकज चौधरी का, दूसरा सिसवा विधायक प्रेम सागर पटेल का और तीसरा फरेन्दा विधायक बजरंग बहादुर सिंह उर्फ बजरंगी का। वैसे तो पहला और तीसरा गुट सार्वजनिक तौर पर एक दिखने की कोशिश भी करता है लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है। बसपा छोड़ भाजपा में शामिल और सिसवा से विधायक बने प्रेम सागर पटेल का अपना अलग गुट है।

पदाधिकारी का संगठन में पद नाम

फेसबुक पोस्ट से सामने आयी अनुशासनहीनता

ये सब बातें पर्दे के पीछे पिछले 11 महीने से ढ़की-छिपी थीं लेकिन इस गुटबाजी को सार्वजनिक किया संगठन के एक पदाधिकारी की फेसबुक पोस्ट ने।

सिसवा विधायक का नाम भी गायब

तस्वीर से की गयी छेड़-छाड़

दो दिन पहले 6 फरवरी को लखनऊ में सीएम ने महराजगंज के जनप्रतिनिधियों को विकास कार्यों पर चर्चा के लिए पंचम तल पर बुलाया। महज 15 मिनट चली इस बैठक पंकज, प्रेम सागर, ज्ञानेन्द्र, जयमंगल और बजरंगी ने भाग लिया। इसके कुछ घंटे बाद ही भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी संजीव शुक्ला ने अपने फेसबुक पेज पर इस मुलाकात की तस्वीर डाली..उसमें इन्होंने पार्टी के विधायक प्रेम सागर पटेल की तस्वीर से छेड़छाड़ की औऱ उनकी फोटो हटाकर तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर दी। इसके बाद तो हंगामा बरप गया। अब जगह-जगह सिर्फ इसी की चर्चा है। यही नही इस पदाधिकारी की पोस्ट में लिखी बातों में कहीं भी मौजूद लोगों में सिसवा विधायक का नाम नही है। बड़ा सवाल यह है कि यदि कोई सामान्य व्यक्ति अपने व्यक्तिगत अकाउंट से यह करता तो समझ में आता लेकिन जब संगठन के मीडिया विभाग से जुड़ा व्यक्ति इस तरह की हरकत करे तो सवाल उठने तय हैं।

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योगी की मेहनत पर पानी फेरने में जुटे जिम्मेदार

सूबे के संगठन को मजबूत करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ दिन-रात एक किये हुए हैं। साफ कह रहे हैं कि कोई गुटबाजी न हो ताकि आगामी लोकसभा में पार्टी का परचम एक बार फिर लहराये और नरेन्द्र मोदी एक बार फिर पीएम बनें लेकिन सीएम के निर्देशों पर जिले के पदाधिकारी कान तक नही रख रहे। 

पोस्ट के पीछे किसका है दिमाग

जब इस बारे में जिले के एक प्रमुख भाजपा नेता से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि यह गंभीर मसला है.. और इससे भी बड़ा सवाल यह है कि क्या इस पदाधिकारी ने यह हरकत स्वयं की है या फिर अपने नेता के कहने पर.. ये असल मामला है। 

ओरिजनल तस्वीर..जिसमें दिख रहे हैं सिसवा विधायक

बर्चस्व है गुटबाजी की असल वजह

जिले पर बर्चस्व स्थापित करने की गरज से बने इन तीनों गुटों की आपसी लड़ाई में जिले का आम कार्यकर्ता पिस कर रह गया है। सत्ता की मलाई काटने में जुटे सांसद औऱ विधायकों को आम निष्ठावान कार्यकर्ताओं की तकलीफों से कोई लेना-देना नही है और अगर है भी तो वो सिर्फ दिखावटी.. जिसकी टीस इन कार्यकर्ताओं के माथे पर साफ दिखती है। 

अफसरों की मौज..निष्ठावान कार्यकर्ता परेशान

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जिले के एक पूर्व जिलाध्यक्ष ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि सांसद व विधायकों की आपसी गुटबाजी की वजह से सबसे ज्यादा फायदे में जिले के अफसर हैं। वे बात-बात पर जनप्रतिनिधियों को एक-दूसरे के खिलाफ गुमराह करते हुए अपना हित साध रहे हैं और इन सबके बीच निष्ठावान कार्यकर्ता और आम जनता घुट कर रह गयी है। इनका यह भी मानना है कि जनप्रतिनिधियों की आपसी लड़ाई से जिले में अफसरों का भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। अफसर तो जिले को लुटकर चले जायेंगे..रहना यहां तो जनप्रतिनिधियों को है..अगर समय रहते नही चेते तो इन सबका बुरा असर 2019 के चुनाव में पड़ना तय है। 

क्या कहना है सिसवा विधायक का

जब इस मामले पर डाइनामाइट न्यूज़ ने सिसवा के विधायक प्रेम सागर पटेल से बात की तो उन्होंने कहा कि 'जो लोग उन्हें हटाना चाहते हैं वे खुद ही हट जायेंगे'। 

अगर ऐसा हुआ है तो गलत- जिलाध्यक्ष

जब इस मामले पर जिलाध्यक्ष अरुण शुक्ला से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि प्रेमसागर पटेल हमारे पार्टी के सम्मानित विधायक हैं, अगर ऐसा किया गया है तो यह गलत है और मैं इसको देखूंगा।










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