महराजगंज: जर्जर सड़कों पर जानलेवा सफर, पढिये, उदासीन सरकार और लापरवाह अफसरों की यह कहानी

शिवेंद्र चतुर्वेदी

समृद्धि, विकास और मजबूत आर्थिकी के लिये जरूरी सड़कें यदि जर्जर होकर गड्ढ़ों में तब्दील हो जाएं तो क्षेत्र विशेष की स्थिति का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। महराजगंज की कुछ सड़कें भी ऐसी जर्जर हो गयी है, जो जिले और अफसरों की हालत को खुद बयां करती हैं। पढिये, डाइनामाइट न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट



महराजगंज: यूं तो मौजूदा यूपी सरकार ने सत्ता संभालते ही राज्य की सड़कों को गड्ढामुक्त करने का वादा किया था लेकिन समय बीतने के साथ ही सरकार का यह वादा भी पुराना और बेदम हो गया है। सरकार उदासीनता का हाल यह है कि जिम्मेदार अफसर मौज ले रहे हैं और सरकार बनाने वाली जनता के लिये एक छोटा सा सफर भी सजा की तरह बन रहा है। खराब और जर्जर सड़कों के कारण कुछ ही पलों का सफर एक दर्दनाक और जोखिम भरी यात्रा का अनुभव दे जाता है।    

वैसे तो महराजगंज जनपद की कई सड़कें दम तोड़कर गढ़्ढ़ों में तब्दील हो चुकी है लेकिन सबसे अधिक व्यस्त और जरूरी सड़कों में शुमार कई मार्गों के हाल बद से बदतर हो चुके हैं। सदर ब्लॉक के पकड़ी चौराहे से पनियरा को जोड़ने वाली मुख्य मार्ग का हाल भी कुछ ऐसा ही है। 

पनियरा को जोड़ने वाली यह मुख्य सड़क पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो गई हैं। जगह-जगह सड़क के टूटे होने और गड्ढों के बन जाने के कारण इस रोड पर आवागमन किसी जोखिम से कम नहीं है। यहां से गुजरते वाहनों जब गड्ढ़ों से होकर गुजरते हैं तो लगता है कि किसी भी पल वो दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं। आम राहगीरों के अलावा वाहनों से सफर करने वाले जान को जोखिम में डालकर याता करने को मजबूर हैं।

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राहगीरों के अलाव वाहन चालकों को भी इस सड़क पर कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है। बारिश के समय तो पता ही नहीं चलता है कि सड़क पर तालाब है या फिर तालाब में सड़क बनाई गई है।

डाइनामाइट न्यूज से बातचीत में ऑटो चलक संजीव बताते हैं कि इस सड़क पर गाड़ी चलाना किसी जोखिम से कम नहीं है। जर्जर सड़क के कारण आये दिन सड़क हादसे होते रहते हैं। लोग न चाहते हुए भी इस तरह की सड़कों पर चलने को विवश हैं।

इसी तरह विजय डाइनामाइट न्यूज से कहते हैं कि सरकार और विभाग तो बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन जमीनी हकीकत सडकों पर देखने को मिलती है। सड़क जिस तरह से जर्जर हो चुकी है, उससे लगता है कि सरकार और विभाग को जनता की कोई परवाह नहीं है।   

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जिले की यह चर्चित सड़क पकड़ी चौराहे से पनियरा को जोड़ने वाली मुख्य मार्ग की दूरी करीब 14 किलोमीटर है। लेकिन सड़क पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो गई है, जिससे राहगीरों का पैदल चलना भी यहां मुश्किल हो गया है। किसी भी समय यहां गाड़ियों को हिचकोले खाते हुए देखा जा सकता है।

बारिश के मौसम में तो गड्ढों में पानी का गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है। आए दिन राहगीर गड्ढों में फंसकर चोटिल होते रहते हैं। लेकिन अफसरों तक उनकी ये परेशानी नहीं पहुंच पा रही है। जनप्रतिनिधि भी आवाज उठाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। 

इस बारे में डाइनामाइट न्यूज संवाददाता ने सचिन कुमार, अधिशासी अभियन्ता, PWD से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। सड़क की दिनो-दिन खराब होती स्थिति को लेकर जनता के पास गुस्सा करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। 
 










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