महराजगंज: जिला जज ने डीएम के साथ जिला जेल का किया औचक निरीक्षण, बीमार कैदियों का जाना हाल, इच्छुक बंदियों को मिलेंगे निशुल्क अधिवक्ता
महराजगंज जनपद के जिला जज जय प्रकाश तिवारी ने आज शुक्रवार को जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार झा और अन्य अधिकारियों के साथ जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया। इस मौके पर जिला जज ने बन्दियों के बैरक में जाकर उनसे उनकी समस्याओं के बारे में भी बातचीत की। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
महराजगंज: जिला जज जय प्रकाश तिवारी ने आज शुक्रवार को जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार झा, अपर पुलिस अधीक्षक निवेश कटियार, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सौरभ श्रीवास्तव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्राग दत्त शुक्ला और मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अशोक कुमार श्रीवास्तव के साथ जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया। जिला जज ने इस मौके पर बन्दियों के बैरक में जाकर उनसे उनकी समस्याओं के बारे में भी बातचीत की।
जिला जज ने कारागार में उपस्थित बन्दियों को बताया कि यदि किसी बन्दी को अपने मुकदमे की पैरवी के लिये निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो वह अपना प्रार्थना-पत्र अधीक्षक जिला कारागार के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को उपलब्ध करा सकता है। इच्छुक कैदी को मुदकमे की पैरवी के लिये निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा।
यह भी पढ़ें |
डीएम, एसपी अचानक पहुंचे जेल, मचा हड़कंप, जानिये पूरा अपडेट
निरीक्षण के दौरान बन्दी अशोक सहानी, हुसैन हमिदिया, शाह आलम, नवल किशोर, गणेश दूबे तथा हीरा चैधरी द्वारा बताया गया कि उसके पास पैरवी करने के लिये अधिवक्ता को फीस देने के लिये पैसे नहीं है, इसलिये उसे निःशुल्क अधिवक्ता दिलाया जाय। जिस पर जिला जज द्वारा अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि वे इन बन्दियों का प्रार्थना-पत्र अविलम्ब जिला प्राधिकरण को उपलब्ध कराएं। ताकि इनके मुकदमों की पैरवी के लिये अधिवक्ता नियुक्त किया जा सके। निरीक्षण के दौरान अन्य किसी बन्दी द्वारा किसी भी समस्या के सम्बन्ध में नही बताया गया।
इसके अतिरिक्त साफ सफाई, पाकशाला में बन्दियों को दिये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को भी परखा गया तथा बीमार बन्दियों के स्वास्थ्य की जानकारी ली गयी। जिसमें मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि बन्दियो के स्वास्थ्य के प्रति दवा और चित्सिकीय ब्यवस्था दिये जाये।
यह भी पढ़ें |
महराजगंज की बहुत बड़ी ख़बर.. एवरेस्ट इंग्लिश स्कूल की मान्यता प्रशासन ने की रद्द, सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में