मुजफ्फरपुर: 80 से ज्यादा बच्चों की मौत पर स्वास्थ्य मंत्री के शर्मनाक बोल- 'इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं'
हर साल गर्मी के कहर से कई लोग अपनी जान गवां देते हैं। अप्रैल से लेकर जुलाई तक गर्मी 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है। जिसकी वजह से कई बीमारियां होने लगती हैं। ऐसी ही बीमारी है एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES)। इस बिमारी की चपेट में ज्यादातर बच्चे ही आते हैं। इसमें बच्चे को तेज बुखार के साथ झटके आते हैं। हाथ-पैर में ऐंठन होती है, वह देखते-देखते बेहोश हो जाता है।
मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के जिलों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) का कहर बढ़ता ही जा रहा है। बच्चों की मौत की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसमें बच्चे को तेज बुखार के साथ झटके आते हैं। हाथ-पैर में ऐंठन होती है, वह देखते-देखते बेहोश हो जाता है।
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एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के कारण मरने वालों की संख्या 80 से भी ज्यादा बताई जा रही है। वहीं लगातार प्रशासन भी लगातार बच्चों का और उनके परिवार वालों का हाल जानने के लिए अस्पताल का दौरा कर रहे हैं। शनिवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय मुजफ्फरपुर पहुंचे। वहां उन्होनें पीड़ित बच्चों के परिवार से बात की और सभी तरह की मदद करने के निर्देश दिए हैं।
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जहां इस समय इस गंभीर बीमारी से राज्य में परेशानी का माहौल है तो वहीं, दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बेतुके बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने एक चैनल के जरिए कहा है कि- इसके लिए ना ही प्रशासन जिम्मेदार है ना ही सरकार। इसके पीछे का कारण बच्चों की नियती है। उन्होनें कहा बच्चों की नियति ठीक नहीं थी। मौसम भी इसके लिए जिम्मेदार है। सरकार ने इलाज के लिए पूरे इंतजाम किए थे।