संदिग्ध परिस्थितियों में मृत SSB जवान का अंतिम संस्कार, परिजनों ने की जांच की मांग
यूपी के महराजगंज जिले के मूल निवासी एसएसबी के जवान राजकुमार यादव की संदिग्ध परिस्थियों में लगी गोली से हुई मौत के बाद बुधवार को उनका शव पैतृक गांव पर पहुंचा। यहां उनका परिजनों ने अंतिम संस्कार तो पूरे राजकीय सम्मान के साथ एसएसबी जवानों की मौजूदगी में कर दिया लेकिन परिजनों ने गोलीकांड से हुई मौत पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए इसे साजिश करार दिया और समूचे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। पूरी खबर..
महराजगंज: फरेन्दा थाना क्षेत्र के नीर नाम पूर्वी निवासी 29 वर्षीय राजकुमार यादव पुत्र रामलगन यादव.. बिहार ठाकुरगंज में क़ुर्लिकोट बीओपी पर एसएसबी की 19 वीं बटालियन में तैनात हैं।
खुद मारी गोली या किसी और ने मारी?
29 दिसम्बर की रात 11.30 बजे तक राजकुमार की ड्यूटी थी। कुछ ही देर पहले वह क़ुर्लिकोट में गेट पर ड्यूटी कर रहे सुरक्षा गार्ड के पास गया और बोला कि अगली ड्यूटी वाले गार्ड को बुलाओ। जैसे ही वह आवास की तरफ गया उसकी इंसास रायफल से उसने खुद को गोली मार लिया। परिजनों का कहना है कि इतनी भारी रायफल को उठा कर कनपटी पर गोली मरना आसान काम नही है।
भाई को बतायी थी दबाव की बात
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घर वालों के मुताबिक राजकुमार जुलाई से सितंबर तक वह छुट्टी पर घर आया था। यहां से जाने के बाद अपने छोटे भाई अवधेश से उन्होंने एक दिन एसएसबी वालों द्वारा उन पर किसी मामले में दबाव बनाने की बात कही थी। कुछ ही दिनों बाद 29 दिसम्बर की रात करीब दो बजे घर वालों को सूचना दी गयी कि किसी अन्य की बंदूक से राजकुमार को गोली लग गयी है। वह बेहोश है। उनके इलाज के लिए उन्हें सिलीगुड़ी के नियोटिया नर्सिंग होम में फिर वहां से नार्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है। फिर सूचना आयी कि राजकुमार की मौत हो गयी है।
30 दिन तक रहा बेहोश..नही रिकार्ड किया जा सका बयान
गोली लगने के बाद 30 दिनों तक बेहोश रहने के कारण पुलिस उनका बयान नही ले पायी जिससे उसकी मौत का राज अब राज ही रह गया। अपने भाई से बात के दौरान उसने मदद की गुहार लगायी थी।
पुलिसिया जांच से परिजन नही हैं संतुष्ट
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परिजनों की शिकायत पर क़ुर्लिकोट थाना में मामला भी दर्ज किया गया है। वहां के एसओ राहुल कुमार, ठाकुरगंज के एसओ रंजन कुमार व गालगलिया के एसओ अरविंद मामले इस मामले की जांच कर रहे हैं।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
शहीद जवान के पिता रामलगन व भाइयों का कहना है कि पारदर्शी व निष्पक्ष जांच कराकर उन्हें न्याय मिलना चाहिए। वह अपने पीछे पत्नी गीता व तीन बच्चों को छोड़ गए है।