मथुरा: नौ साल के बच्चे से कुकर्म के बाद हत्या के दोषी को मौत की सजामौत की सजा

डीएन ब्यूरो

मथुरा जिले की एक विशेष अदालत ने नौ साल के बच्चे का यौन उत्पीड़न करने और बेरहमी से उसकी हत्या करने के मामले में सोमवार को आरोपी को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई।

मौत की सजा (फाइल)
मौत की सजा (फाइल)


मथुरा:  जिले की एक विशेष अदालत ने नौ साल के बच्चे का यौन उत्पीड़न करने और बेरहमी से उसकी हत्या करने के मामले में सोमवार को आरोपी को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई।

विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता (पॉक्सो) अलका उपमन्‍यु ने बताया कि पॉक्‍सो अदालत के विशेष न्‍यायाधीश राम किशोर यादव ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद मोहम्मद सैफ को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाने के साथ ही एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया।

उन्‍होंने बताया कि पुलिस द्वारा आरोप पत्र दाखिल किए जाने के एक माह के भीतर अदालत ने फैसला सुना दिया।

उपमन्यु ने बताया कि यह घटना इसी वर्ष आठ अप्रैल को घटी थी। उन्होंने बताया कि सदर थाना क्षेत्र के एक गांव से नौ साल का एक बच्चा शाम के समय अचानक घर से गायब हो गया।

उन्होंने बताया कि बच्चे के पिता ने उसके देर शाम तक न मिलने पर थाने में गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज कराई।

यह भी पढ़ें | सूरत में अदालत के बाहर हत्या के आरोपी की चाकू मारकर हत्या

उपमन्यु ने बताया कि पुलिस ने जांच के दौरान आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जिसमें दिखा कि बच्चे के ताऊ की दुकान पर काम करने वाले सैफ के साथ वह जाता दिखा रहा है।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने सैफ को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया और उसकी निशानदेही पर बच्चे का शव घर से करीब पांच सौ मीटर दूर एक नाले से बरामद किया गया।

अभियोजन पक्ष की वकील उपमन्यु ने बताया कि आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने बच्चे के साथ कुकर्म किया और भेद खुलने के डर से उसकी हत्या कर दी।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की अपहरण, हत्या, अप्राकृतिक दुष्कर्म की धाराओं और पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। उपमन्यु ने बताया कि पुलिस ने शुरुआती 20 दिनों में ही जांच पूरी कर आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

उन्होंने बताया कि दो मई को अदालत ने अभियुक्त के खिलाफ आरोप तय किए और 18 मई तक 14 गवाह प्रस्तुत कर दिए गए।

यह भी पढ़ें | Shraddha Murder Case: कोर्ट ने आफताब की हिरासत और चार दिन बढ़ाई, पॉलीग्राफ टेस्ट को लेकर जानिये ये अपडेट

उन्होंने बताया कि 22 मई को दोनों पक्षों में अंतिम बहस हुई और चार दिन बाद 26 मई को सैफ मोहम्मद को दोषी करार दिया गया, जिसके बाद न्यायाधीश राम किशोर यादव ने सोमवार को दोषी को फांसी की सजा एवं एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

उन्होंने बताया कि सैफ मूल रूप से कानपुर का निवासी है और मथुरा के औरंगाबाद गांव में रहता था।

 










संबंधित समाचार