स्टॉफ पर मानसिक दबाव बनाकर कर्ज की वसूली करवा रही हैं माइक्रो फाइनेंस कंपनियां
माइक्रो फाइनेंस कंपनी स्टॉफ को नौकरी से निकाल देने की धमकी देकर गांव-गांव से कर्ज की वसूली करवा रही हैं। इसको लेकर स्टॉप मानसिक तनाव में हैं। जान पर खेल कर फील्ड में कर्ज वसूली करने जा रहे स्टॉफ अगर मानसिक तनाव आकर में कोई ग़लत कदम उठा लें तो इसका जिम्मेदार कौन होगा:
महराजगंज/कुशीनगर/देवरिया/गोरखपुर: कई जिलों में माइक्रो फाइनेंस कंपनी का मकड़जाल फैला हुआ है। माइक्रो फाइनेंस कंपनियां हर जगह कर्ज बाटी हुई हैं। माइक्रो फाइनेंस कंपनी मोटे ब्याज पर कर्ज देती है और इसकी वसूली करवाती है। इस समय लॉक डाउन चल रहा है।
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सबसे ज्यादा लॉक डाउन का उल्लघंन माइक्रो फाइनेंस कंपनियां करती हुई नजर आ रही हैं। आए दिन लॉक डाउन में वसूली करने फील्ड में स्टॉफ जा रहा है और पीट कर आ रहा है। स्टॉफ के ऊपर इन कंपनियों के सीनियर लोगों ने इतना दबाव बना डाला है कि माइक्रो फाइनेंस कंपनी के स्टॉफ मानसिक तनाव में आकर नौकरी से निकाल दिए जाने के डर से फील्ड में कर्ज वसूली के लिए निकल रहे हैं।
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मिली जानकारी के अनुसार उक्त जिलों में एक ब्रांच पर पांच से सात स्टॉफ काम करते हैं और वो भी अपने घर से 100 से 250 किमी दूर के स्टॉफ ब्रांच पर इस समय मौजूद हैं।
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जानकारी के मुताबिक माइक्रो फाइनेंस कंपनियां कर्ज उसी लोग को देते है जो रोज कमाते हैं और कंपनियां अपने सुविधा के अनुसार 1हफ्ते, 15 दिन, 1महीने की किश्तं बांधकर वसूली करते हैं।
कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन में ना तो कर्जदार कमा पा रहा है और नहीं ठीक से दो वक्त की रोटी नसीब हो पा रही है। लॉकडाउन में कर्ज इनके लिए एक अलग मुसीबत बना हुआ है वहीं जब लॉक डाउन नहीं था तो कर्जदार आराम से कमा कर टाइम टाइम से कर्ज को भरते रहते थे।
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माइक्रो फाइनेंस कंपनियां अच्छा चौराहा देखकर ब्रांच खोलती हैं और गांव में सेंटर बना कर मोटे ब्याज पर कर्ज बाट कर वसूली करती हैं। माइक्रो फाइनेंस के एक स्टॉफ ने नाम ना छपने की शर्त पर बताया कि कुछ सेंटर ऐसे है जहां कोरोना को लेकर इलाका सील है। वहां से भी पैसे वसूलकर लाने का दबाव बनाकर कर्ज वसूली करवाया जा रहा है। ऐसे में कई स्टॉप लॉक डाउन का उल्लघंन करने पर पीट भी चुके है।