उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश का दौर जारी: नदियां उफान पर, अनेक स्थानों पर बाढ़ का खतरा

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश की वजह से गंगा और यमुना समेत कई नदियां उफान पर हैं जिससे कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

मानसूनी बारिश (फाइल)
मानसूनी बारिश (फाइल)


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश की वजह से गंगा और यमुना समेत कई नदियां उफान पर हैं जिससे कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में वर्षाजनित हादसों में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई।

मौसम केंद्र, लखनऊ की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पश्चिमी मानसून पूरे प्रदेश में सक्रिय है। इस दौरान अनेक स्थानों पर व्यापक वर्षा हुई। कुछ स्थानों पर भारी से अत्यंत भारी बारिश भी हुई।

पिछले 24 घंटों के दौरान संभल में सबसे ज्यादा 21 सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा बिजनौर में 15, सहारनपुर में 13, मुजफ्फरनगर के जानसठ में 13, उन्नाव के सफीपुर में 12, मेरठ और बिजनौर के चांदपुर में 11-11, अमरोहा के नौगांवा सादात में 10, कासगंज के सहावर, बिजनौर के नजीबाबाद और नगीना तथा उन्नाव के हसनगंज में नौ-नौ, लखनऊ के मलिहाबाद में सात, अयोध्या, भानपुर (बस्ती), अतरौली (अलीगढ़) तथा नरौरा (बुलंदशहर) में छह-छह सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

मौसम विभाग ने आगामी 18 जुलाई तक राज्य में अनेक स्थानों पर वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया है।

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राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान वर्षाजनित हादसों में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है। इस दौरान बाराबंकी में चार, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती में तीन-तीन, सहारनपुर, रायबरेली, हरदोई तथा सुलतानपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में इस वक्त बाढ़ से पांच जिलों की लगभग दो लाख 30 हजार की आबादी प्रभावित है। सहारनपुर के 104 गांवों की दो लाख 27 हजार की आबादी बाढ़ से जूझ रही है। इसके अलावा मुजफ्फरनगर में 12 और गौतमबुद्धनगर के छह गांव भी बाढ़ से प्रभावित हैं।

इस बीच, केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा की वजह से गंगा और यमुना समेत कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। गंगा नदी कचला पुल (बदायूं) में खतरे के निशान को पार कर गई है। इसके अलावा नरोरा और फतेहगढ़ में इसका जलस्तर लाल निशान के नजदीक पहुंच गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, यमुना नदी मावी (शामली) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जबकि प्रयाग घाट (मथुरा) में इसका जलस्तर लाल निशान के नजदीक पहुंच गया है। इसके अलावा शारदा नदी पलिया कलां और शारदा नगर में, घाघरा नदी कतर्निया घाट और एल्गिन ब्रिज में खतरे के निशान के नजदीक बह रही है।

प्रदेश के राहत आयुक्त जी. एस. नवीन कुमार ने बताया कि बारिश के मद्देनजर विभिन्न जिलों में बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील सभी गांवों में राहत चौपाल आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। इन चौपालों में ग्राम प्रधान के साथ-साथ राजस्व, सिंचाई, पुलिस, स्वास्थ्य, पशुपालन, पंचायती राज, बाल विकास एवं पुष्टाहार, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, कृषि, ग्राम विकास, खाद्य एवं रसद विभाग समेत सभी संबंधित महकमों के क्षेत्रीय ग्राम स्तरीय कर्मचारी एवं प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

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राहत आयुक्त ने बताया कि चौपाल का मुख्य उद्देश्य आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करना, ग्रामीण स्तर तक आम लोगों को संभावित बाढ़ के दुष्प्रभाव से बचाना और भविष्य में होने वाली ऐसी आपदाओं के प्रति लोगों को जागरुक करना है।

कुमार ने बताया कि जिलो में आयोजित ग्राम स्तरीय राहत चौपालों में जिलाधिकारी कम से कम पांच राहत चौपालों, अपर जिलाधिकारी कम से कम 10, उप जिलाधिकारी कम से कम 15 और तहसीलदार कम से कम 20 राहत चौपाल में व्यक्तिगत रूप से हिस्सा लेंगे।

राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने से प्रभावित जनपद गौतमबुद्धनगर के कुछ क्षेत्रों में जलभराव की सूचना मिली है और 12 एवं 13 जुलाई की मध्य रात्रि लगभग दो बजे एसडीआरएफ(राज्य आपदा मोचन बल) की टीम ने लगभग 45 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

राजस्व प्रशासन व एसडीआरएफ टीम मौके पर मौजूद है और राहत कार्य जारी है।

 










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