Farmers Protest: ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद 400 से अधिक युवा और बुजुर्ग किसान लापता, दिल्ली पुलिस पर उठ रहे सवाल

डीएन ब्यूरो

गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद से 400 से अधिक युवा और बुजुर्ग किसानों के लापता होने का मामला सामने आया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाये जा रहे हैं।

दिल्ली हिंसा के बाद घर नहीं लौटे कई किसान
दिल्ली हिंसा के बाद घर नहीं लौटे कई किसान


नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद से कई किसानों के लापता होने का मामला गहराता जा रहा है। कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब सरकार को लिखे पत्र में कहा कि लाल किले पर हुई हिंसक घटना के बाद 100 से अधिक किसान लापता हैं। उनके अलावा कई किसान संगठनों, स्वयं सेवी संस्थाओं और नेताओं ने इस घटना के बाद से 400 से अधिक युवा और बुजुर्ग किसानों के लापता होने का दावा किया। इस मामले लेकर दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाये जा रहे हैं।

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पंजाब सरकार से लापता किसानों को ढूंढ़ने की मांग

कांग्रेस सांसद और राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर लापता किसानों को तलाशने में पीड़ित परिवारों की मदद करने की मांग की है। उन्होंने लापता किसानों की तलाश के लिये पंजाब सरकार से सभी संसाधनों का इस्तेमाल करने की भी गुहार लगाई है। शनिवार को लिखे पत्र में बाजवा ने कहा कि दिल्ली में 26 जनवरी को हुई घटनाओं के बाद से राज्य के 100 से अधिक किसान लापता हैं। इनके बारे में उनके परिवारों को अब तक कोई जानकारी नहीं मिल रही है।

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दिल्ली पुलिस पर अवैध हिरासत का आरोप

बताया जाता है कि दिल्ली पुलिस ने अभी तक केवल 18 किसानों के बारे में कंफर्म किया लेकिन बाकी किसानों का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने कुछ किसानों को अवैध रूप से हिरासत में रखा है, जिसकी उनके परिवार वालों को जनकारी नहीं है। 

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सोमवार को हाईकोर्ट पहुंचेगा मामला 

जानकारी के मुताबिक पंजाब से जुड़े कई किसान और धार्मिक संगठनों ने आरोप लगाया है कि दिल्ली हिंसा के दौरान 400 से ज्यादा युवा और बुजुर्ग किसान लापता हैं। अमृतसर के खालड़ा मिशन ने आरोप लगाया है कि गायब हुए सभी लोग दिल्ली पुलिस की अवैध हिरासत में हैं। मिशन ने इस मामले में सोमवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। 

मानवाधिकार आयोग से गुहार

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के वकील हाकम सिंह का मीडिया रिपोर्टों में कहना है कि पंजाब के 80-90 नौजवान 26 जनवरी को सिंघु और टिकरी बॉर्डर गए थे। हिंसा की घटना के बाद वे सभी नौजवान किसान अब तक अपने शिविरों में नहीं लौटे हैं। मोगा के एक गांव के 12 किसानों के लापता होने की खबर है। वकीलों का एक ग्रुप सभी लापता किसानों को ढूंढने की कोशिश में जुटा है। इसके अलावा मानवाधिकार आयोग से भी इस मामले में गुहार लगाने की तैयारी की जा रही है। 










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