मुंबई: प्रख्यात जज दिलीप बाबासाहेब भोसले की जीवनी ‘The Benevolent Judge’ का विमोचन; सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्टों के तमाम न्यायाधीश रहे समारोह में मौजूद
रविवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में देश के तमाम न्यायाधीशों का जुटान हुआ। मौका था इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दिलीप बाबासाहेब भोसले की बायोग्राफी के विमोचन का। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
मुंबई: भारतीय न्यायपालिका के सशक्त हस्ताक्षर और सुप्रसिद्ध जस्टिस दिलीप बाबासाहेब भोसले की जीवनी 'द बेनेवोलेंट जज' (The Benevolent Judge) का रविवार को मुंबई में विमोचन किया गया।
इस मौके पर आयोजित भव्य विमोचन समारोह में देश के कई नामचीन न्यायाधीश शामिल रहे।
अपनी जीवनी 'द बेनेवोलेंट जज' में जस्टिस दिलीप बाबासाहेब भोसले ने अपने व्यक्तिगत और कानूनी जीवन के अनेक रोचक रहस्यों का खुलासा किया है।
पांच सितारा होटल ताज महल पैलेस के बाल रुम सभागार में सुबह से ही देश के मशहूर न्यायाधीशों का पहुंचना प्रारंभ हो गया।
पुस्तक में विशेष तौर पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डा. डीवाई चंद्रचूड़ ने अपना संदेश लिखा है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि जस्टिस भोसले के अंदर विद्यमान गुण, भगवान की तरफ से उनको मिले गिफ्ट की तरह है। वे जिस भी हाईकोर्ट में रहे वहां पर उन्होंने अपने कार्यों की अमिट छाप छोड़ी।
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“I am deeply honoured and grateful for the generous words of Hon’ble Justice Dr DY Chandrachud, Chief Justice of India in the message written for the book”, says veteran Judge Dilip Babasaheb Bhosale during the release ceremony of his biography 'The Benevolent Judge' in Mumbai. A… pic.twitter.com/7O9txk6a8o
— Dynamite News (@DynamiteNews_) April 21, 2024
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस राजेश बिंदल ने अपने संदेश में कहा कि जस्टिस भोसले उनके काफी पुराने दोस्त हैं। उनका लंबा करियर बेदाग और बेहद शानदार रहा है।
समारोह को संबोधित करते हुए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति भूषण गवई ने कहा कि जस्टिस भोसले के कार्यों की गुणवत्ता, कड़ी मेहनत, समर्पण, मानवता, विनम्रता तथा मानवीय दृष्टिकोण देश के युवा वकीलों के लिए अनुकरणीय है।
जस्टिस भोसले की पुत्री और बाम्बे हाईकोर्ट की वकील नेहा भोसले ने सुप्रीम कोर्ट के जज विक्रम नाथ का बुके देकर स्वागत किया। इस अवसर पर जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि जस्टिस भोसले ‘हार्ड टास्क मास्टर’ हैं, जो खुद भी कड़ी मेहनत करते हैं और दूसरे से भी इसी तरह के परिश्रम की अपेक्षा रखते हैं।
बाम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय ने कहा कि यह पुस्तक जस्टिस भोसले के अनुभवों का ऐसा संग्रह है, जिससे न्यायिक क्षेत्र में आने वाले नये और युवा प्रोफेशनल्स काफी कुछ सीख सकते हैं।
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जस्टिस दिलीप बाबासाहेब भोसले ने कार्यक्रम में आय़े सभी गणमान्य लोगों का स्वागत करते हुए अपने लंबे न्यायिक सफर के दौरान के कई रोचक अनुभवों को साझा किया।
बाम्बे हाईकोर्ट के वकील और जस्टिस भोसले के पुत्र करन भोसले ने बताया कि उन्होंने अपने पिता से सीखा है कि कैसे अपने कार्य के लिए ईमानदारी से कड़ी मेहनत की जाये।
पुस्तक को लिपिबद्ध करने वाले कुनाल वेपा सहित प्रकाशन में विशेष सहयोग करने वाले आदित्य वैद्य, दीप्ति वोरा, राजेश चड्डा को सम्मानित किया गया। संचालन राजन जयकर ने किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार 'द बेनेवोलेंट जज' में जस्टिस दिलीप बाबासाहेब भोसले के जीवन के विभिन्न रोचक पहलुओं का खुलासा किया गया है। 'द बेनेवोलेंट जज' की प्रस्तावना जस्टिस भूषण गवई और जस्टिस विक्रम नाथ ने लिखी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के कई जजों के अलावा विभिन्न हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तथा जज बड़ी संख्या में शामिल हुए। इनमें प्रमुख रुप से सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस प्रसन्न भालचंद्र वराले, एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति अशोक भूषण; नदी जल विवाद न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विनीत सरन; जस्टिस कृष्ण मुरारी मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि विजयकुमार मलिमथ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति एसडी सिंह, न्यायमूर्ति अजय भनोट, गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मानवेंद्र नाथ रॉय, न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल, जस्टिस नरेश पाटिल, कैट के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रणजीत वसंतराव मोरे प्रमुख रुप से समारोह में शामिल हुए।