बिहार में हैरान करने वाला मामला, एक ही सर्टिफिकेट पर कई टीचर कर रहे सरकारी नौकरी
बिहार के शिक्षा विभाग में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
मुजफ्फरपुर: बिहार के शिक्षा विभाग में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक प्रमाण पत्र पर दो या उससे अधिक शिक्षक नियुक्त होने का खुलासा हुआ है। मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
एक ही प्रमाण-पत्र के आधार दो या उससे अधिक शिक्षक मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों में शिक्षक के रूप में पदस्थापित है। इन प्रमाण-पत्रों में बीटीईटी और सीटीईटी का शामिल है।
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मुजफ्फरपुर जनपद में सक्षमता परीक्षा के आवेदन के क्रम में पोर्टल से इसका खुलासा हुआ। संदिग्ध प्रमाण-पत्र वाले शिक्षकों की सूची में कई नाम शामिल है। मामला सामने आने के बाद फर्जी शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गई है। डीईओ ने उन सभी शिक्षकों का वेतन रोक दिया है, जिनके प्रमाण-पत्र संदिग्ध है और सूची में उनके नाम शामिल हैं।
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डीईओ द्वारा जारी सूची में शामिल नियोजित शिक्षकों से सभी शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया हैं। सभी संदिग्ध शिक्षकों से इस आशय का शपथ-पत्र मांगा गया है कि वे जो प्रमाण पत्र सौंपे है, उसी के आधार पर उनका नियोजन हुआ था। फिर उन प्रमाण-पत्रों की जांच की जायेगी।
जांच पूरी होने तक संबंधित नियोजित शिक्षकों का वेतन स्थगित कर दिया गया है।
सूची में शिक्षकों का नाम
संदिग्ध प्रमाण-पत्र वाले शिक्षकों की सूची में कटरा प्रखंड के उत्क्रमित मिडिल स्कूल, ठिकही उर्दू के अमित कुमार, कटरा के ही यूपीजी एमएस, लक्ष्मीपुर के मोहन कुमार, मीनापुर प्रखंड के मिडिल स्कूल, रामपुर हरी की शिक्षिका अंजू कुमारी, मोतीपुर प्रखंड के मिडिल स्कूल, माधोपुर सिरसी की अर्चना कुमारी, साहेबगंज प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय, हुसेपुर मौसा, हरिजन टोला के अमित कुमार और मोतीपुर प्रखंड के मिडिल स्कूल, संधा कला की शिक्षिका अनुराधा कुमारी समेत अन्य नियोजित शिक्षकों का नाम है।