नई दिल्ली: अदालत ने 75 वर्ष से अधिक आयु के कैदियों की स्वास्थ्य स्थिति पर रिपोर्ट मांगी

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 75 वर्ष से अधिक आयु के सभी दोषियों और विचाराधीन कैदियों की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर यहां जेल अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।

अदालत (फाइल)
अदालत (फाइल)


नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने 75 वर्ष से अधिक आयु के सभी दोषियों और विचाराधीन कैदियों की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर यहां जेल अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करण की पीठ ने यह भी पूछा कि ऐसे कैदियों को दिए जा रहे किसी भी उपचार से संबंधित विवरण भी रिपोर्ट में बताये जाएं।

पीठ ने इस महीने की शुरुआत में पारित अपने आदेश में कहा, ‘‘संबंधित चिकित्सा अधीक्षक को उन सभी दोषियों और विचाराधीन कैदियों की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के बारे में एक नयी स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है, जो 75 वर्ष से अधिक आयु के हैं (वर्तमान में जेल में बंद हैं)। इसमें उन्हें यदि कोई उपचार मुहैया कराया जा रहा है, तो उसके बारे में पूरा विवरण सुनवाई की अगली तारीख पर या उससे पहले प्रदान किया जाए।’’

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यह आदेश उच्च न्यायालय द्वारा 2005 में ‘‘तिहाड़ में 92 वर्षीय विचाराधीन’’ शीर्षक से प्रकाशित एक समाचार के आधार पर स्वत: संज्ञान लेकर शुरू किए गए मामले पर आया।

अदालत ने फरवरी 2005 को पारित अपने आदेश में कहा था कि खबर से संकेत मिलता है कि 92 वर्षीय माया देवी धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एक मामले के संबंध में 10 महीने के लिए हिरासत में है और उसे जमानत दे दी थी।

इस साल की शुरुआत में, अदालत ने महानिदेशक (जेल) को 75 वर्ष से अधिक आयु के सभी कैदियों की एक सूची दाखिल करने का निर्देश दिया था, चाहे वे किसी भी लिंग के हों, जो उसके अधिकार क्षेत्र में कैद हैं।

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अदालत ने माया देवी को उसकी उम्र और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर जमानत देते हुए यह भी कहा था कि उस समय तिहाड़ जेल में अलग-अलग मामलों में 75 साल से अधिक उम्र के पांच विचाराधीन कैदी थे।

मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी।

 










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