महराजगंज जिले में 14 वर्ष पहले हुये घोटाले में पूर्व बीएसए और बाबू के खिलाफ जारी हुआ गैर जमानती वारंट, लटकी गिरफ्तारी की तलवार

डीएन संवाददाता

सर्व शिक्षा अभियान के तहत 14 वर्ष पहले हुए घोटाले में पूर्व बीएसए और बड़े बाबू के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी ख़बर

बीएसए  कार्यालय (फाइल)
बीएसए कार्यालय (फाइल)


महराजगंज: सर्व शिक्षा अभियान के तहत 14 वर्ष पहले 98.60 लाख रुपयों के घोटाले के आरोप में महराजगंज के पूर्व बीएसए डॉ राम हुजूर और लेखाकार यशवंत सिंह के खिलाफ एसीजेएम कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। दोनों आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका जनपद न्यायालय में दाखिल किये थे जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के सर्व शिक्षा अभियान में मार्च 2010 में बलरामपुर की एक फर्म को लगभग 83 लाख रुपयों के भुगतान के प्रयास का मामला सामने आया था। पीएनबी बैंक की महराजगंज शाखा ने भुगतान की बड़ी धनराशि देख क्लियरेंस के लिए विभाग से संपर्क किया। जिसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया था।

जांच में बैंक के ही माध्यम से यह जानकारी मिली कि दिसंबर 2009 में लखनऊ चिनहट की एक फर्म को 98.60 लाख रुपया का भुगतान किया गया था। गलत भुगतान का मामला देख घोटाला की आशंका पर तत्कालीन बीएसए राम हुजूर प्रसाद ने सदर कोतवाली में मार्च 2010 में बीएसए कार्यालय के सर्व शिक्षा अभियान के तत्कालीन सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी ओम प्रकाश सिंह और लेखाकार यशवंत सिंह के खिलाफ तहरीर दिया।

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कोतवाली पुलिस तहरीर के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 282/2010 धारा 409, 419, 420, 467, 468, 471, 380 आईपीसी व 120 के तहत केस दर्ज कर विवेचना के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। इस मामले में एफआईआर में नामजद आरोपित ओम प्रकाश सिंह व यशवंत सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई।

पुलिस ने विवेचना के आधार पर सहायक लेखाकार संजय खन्ना समेत कुल छह आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। केस दर्ज होने के बाद लखनऊ चिनहट की फर्म को चेक के माध्यम से किए गए 98.60 लाख रुपया भुगतान में से 97 लाख 86 हजार 945 रुपया विभाग के खाते में 21 अप्रैल 2010 को वापस आ गया। लेकिन अभी 73 हजार 55 रुपया अभी शेष रह गया है। 

पुनः विवेचना में वादी पूर्व बीएसए भी बने आरोपी 

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सर्व शिक्षा अभियान में विभागीय कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए हाई कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल किया गया। हाई कोर्ट के आदेश पर पुनः विवेचना हुई। जिसमें मुकदमा वादी तत्कालीन बीएसए डॉ राम हुजूर प्रसाद भी आरोपित बनाए गए।

इस मामले में कोर्ट ने पूर्व बीएसए डॉ राम हुजूर प्रसाद व लेखाकार यशवंत के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। दोनों आरोपितों ने न्यायालय सत्र न्यायाधीश के वहां अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। न्यायालय सत्र न्यायाधीश महराजगंज ने 20 फरवरी 2023 को तत्कालीन बीएसए डॉ राम हुजूर प्रसाद की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

लेखाकार यशवंत की जमानत याचिका 23 जनवरी 2023 को ही कोर्ट से खारिज हो चुकी है। एसीजेएम कोर्ट में 18 मार्च 2023 को गैर जमानती वारंट के इस मामले में सुनवाई की तारीख लगी है। बताया जा रहा है कि लेखाकार यशवंत अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट पहुंचे हैं।










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