Dhari Devi Temple: नवरात्रि के पहले दिन मां धारी देवी मंदिर में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब
चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर उत्तराखंड की अधिष्ठात्री देवी मां धारी देवी के मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

रुद्रप्रयाग: चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर उत्तराखंड की अधिष्ठात्री देवी मां धारी देवी के मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत भक्तगण मां के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से यहां पहुंचे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार धारी देवी मंदिर परिसर में भक्तों के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया।
मां धारी देवी की कथा
मां धारी देवी का मंदिर उत्तराखंड के श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल) में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है। मान्यता है कि मां धारी देवी की मूर्ति का स्वरूप दिन में तीन बार बदलता है। सुबह कन्या, दोपहर में युवती और रात में वृद्धा के रूप में दर्शन देती हैं।
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लोककथा के अनुसार, प्राचीन काल में अलकनंदा नदी में आई बाढ़ में देवी की एक मूर्ति बहकर आ गई थी। जब ग्रामीणों ने इसे नदी से निकाला, तो उन्हें स्वप्नादेश मिला कि इस मूर्ति को इसी स्थान पर स्थापित किया जाए। तभी से मां धारी देवी यहां भक्तों की रक्षा कर रही हैं।
धारी देवी और 2013 की केदारनाथ आपदा
2013 में जब धारी देवी की मूर्ति को एक परियोजना के तहत हटाया गया, तो उसी दिन उत्तराखंड में भीषण प्राकृतिक आपदा आई, जिससे केदारनाथ समेत कई स्थानों पर भारी तबाही हुई। स्थानीय लोग इस घटना को देवी के कोप से जोड़कर देखते हैं। इसके बाद मां की मूर्ति को पुनः स्थापित कर दिया गया।
नवरात्रि में विशेष अनुष्ठान
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नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना, हवन और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। भक्त यहां मां का आशीर्वाद लेने के लिए जल, फूल, नारियल और चुनरी चढ़ाते हैं। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की है।
मां धारी देवी के दर्शनों से भक्तों को अपार शांति और शक्ति का अनुभव होता है। इस नवरात्रि, आस्था का यह उत्सव भक्तों के लिए विशेष पुण्य और सुख-समृद्धि का संदेश लेकर आया है।