इस राज्य में अनाथ बच्चों को हर महीने मिलेगी 4,000 रुपये की पॉकेट मनी, पढ़ें पूरी डिटेल
हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने अनाथ बच्चों को ‘‘राज्य के बच्चे’’ बताते हुए उन्हें आश्रय, शिक्षा और चार हजार रुपये ‘‘जेबखर्च’’ देने के लिए बृहस्पतिवार को एक विधेयक पारित किया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने अनाथ बच्चों को ‘‘राज्य के बच्चे’’ बताते हुए उन्हें आश्रय, शिक्षा और चार हजार रुपये ‘‘जेबखर्च’’ देने के लिए एक विधेयक पारित किया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस तरह का कानून बनाने वाला पहला राज्य बन जाएगा, हालांकि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया कि इसका प्रावधान केंद्रीय योजनाओं में पहले से मौजूद है।
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हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय (राज्य के बच्चों की देखभाल, संरक्षण और आत्मनिर्भरता) विधेयक 2023 का उद्देश्य निराश्रित और अनाथ बच्चों की देखभाल करना है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, विधेयक में बेसहारा और अनाथों बच्चों को 'राज्य के बच्चों' के रूप में परिभाषित किया गया है। विधेयक में इन बच्चों की शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और भविष्य को सुरक्षित बनाने, आश्रय तथा देखभाल प्रदान करने और प्रति माह 4,000 रुपये की 'जेबखर्च’ देने का प्रावधान किया गया है। इससे 6,000 बच्चे लाभान्वित होंगे।
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