Pamban Bridge: PM Modi ने नए पंबन ब्रिज का किया उद्घाटन, जानिए अब पुराने पुल का क्या होगा
पीएम मोदी ने रामनवमी के मौके पर नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन कर दिया है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में जानिए कि अब पुराने ब्रिज का क्या होगा

रामेश्वरम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के मौके पर तमिलनाडु के रामेश्वरम में भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) का उद्घाटन कर दिया है। इस दौरान उन्होंने एक ट्रेन और जहाज को भी हरी झंडी दिखाई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह पुल रामेश्वरम द्वीप को देश की मुख्य भूमि से जोड़ता है। इस नये पुल को उस 110 साल पुराने पंबन ब्रिज की जगह बनाया गया है, जिसे 2022 में सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया था। नए पुल के उद्घाटन के बाद अब लोगों के मन में ये सवाल है कि अब पुराने ब्रिज (Old Pamban Bridge) का क्या किया जाएगा तो आइये जानते हैं।
पुराने पुल का क्या होगा?
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भारत का पहला समुद्री पुल और इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना पंबन ब्रिज अब इतिहास बनने जा रहा है। रेल मंत्रालय ने सुरक्षा कारणों से पुराने पंबन ब्रिज को तोड़ने का निर्णय ले लिया है। जानकारी के अनुसार, जून 2025 से इसे हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
23 दिसंबर 2022 को यह ऐतिहासिक पुल आधिकारिक रूप से बंद कर दिया गया था। इसके बाद से ट्रेनें केवल मंडपम तक ही सीमित कर दी गई थीं। पुराने पुल की जगह अब एक नया और आधुनिक वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज तैयार किया गया है, जिसकी आधारशिला मार्च 2019 में कन्याकुमारी में रखी गई थी और निर्माण कार्य नवंबर 2019 से शुरू हुआ था।
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1964 के विनाशकारी चक्रवात के दौरान भी यह पुल मजबूती से खड़ा रहा था, जब धनुषकोडी पूरी तरह तबाह हो गया था और एक पूरी ट्रेन समुद्र में समा गई थी। उस समय पुल को मामूली नुकसान हुआ था, जिसे सिर्फ 46 दिनों में मरम्मत कर दोबारा चालू कर दिया गया था। 2009 में माल ढुलाई को ध्यान में रखते हुए इसे और मज़बूत किया गया था। 1988 तक, यह ब्रिज रामेश्वरम से संपर्क का एकमात्र जरिया था, जब तक कि सड़क पुल का निर्माण नहीं हुआ था।
अब जब नया हाई-टेक पुल तैयार हो चुका है, रेलवे का मानना है कि पुराने पुल को बनाए रखना व्यावहारिक नहीं है। चूंकि यह समुद्र में स्थित है, इसलिए इसके अवशेष वहीं नहीं छोड़े जा सकते। शिपिंग मार्ग में बाधा बनने से रोकने के लिए मलबा हटाने में अतिरिक्त सावधानी और समय लगेगा।
पंबन ब्रिज, जो दशकों से ना सिर्फ तकनीकी मजबूती बल्कि ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक रहा है, अब धीरे-धीरे अपने अंतिम चरण में है। आने वाले समय में यह पुल केवल यादों और इतिहास के पन्नों में जिंदा रहेगा।