New Pamban Bridge: पीएम मोदी ने एशिया के पहले वर्टिकल रेलवे पंबन ब्रिज का किया उद्घाटन, जानिये इसकी खास बातें

डीएन ब्यूरो

पीएम नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के अवसर पर रामेश्वरम में एशिया के पहले वर्टिकल स्पेंशन रेलवे पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया। उन्होंने भारत को एशिया में नई पहचान दिखाई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट

पंबन ब्रिज (फाइल फोटो)
पंबन ब्रिज (फाइल फोटो)


रामेश्वरम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रामनवी के खास मौके पर तमिलनाडु के रामेश्वरम में भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री रेलवे पुल पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया। 

पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने नए पंबन रेलवे पुल को जनता के समर्पित किया। इस पुल के उद्घाटन से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार होगा। इस अवसर पर उन्होंने राज्य में कई अन्य विकास परियोजनाओं की भी शुरुआत की।

उद्घाटन से पहले भारतीय रेलवे ने इस नए पुल का एक आकर्षक वीडियो जारी किया। जिसमें मंत्रालय ने इसे समुद्र के ऊपर बना ऐसा पुल बताया, जो अतीत और भविष्य को जोड़ता है। राम नवमी के दिन आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति के कारण रामेश्वरम में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

सबसे पहले कब शुरू हुई थी कनेक्टिविटी

आपको बता दें कि पंबन पुल को सबसे पहले वर्ष 1914 में दक्षिण भारत में रामेश्वरम की कनेक्टिविटी को जो़ड़ने के लिए बनाया गया है। यही पुल भारत का पहला समुद्र के ऊपर बना रेल पुल था। अब 111 साल बाद ये पुल नए कलेवर में तैयार हुआ है।

भारतीय इंजीनियरिंग का अद्भुत प्रतीक

पंबन पुल की लंबाई लगभग 2.08 किलोमीटर है और निर्माण लागत 700 करोड़ रुपये से अधिक है। यह सिर्फ स्टील और कंक्रीट का एक साधारण ढांचा नहीं है। यह भारतीय इंजीनियरिंग की पराकाष्ठा का प्रतीक है, जो तकनीकी कौशल और नवाचार की मिसाल पेश करता है। यह पुल न केवल रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ता है, बल्कि यह आस्था और भविष्य के बीच एक पुल के रूप में भी कार्य करता है।

नई ट्रेन सेवा की शुरुआत

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उद्घाटन के बाद, प्रधानमंत्री ने रामेश्वरम से तांब्रम (चेन्नई) के बीच नई ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई। जिससे यात्रा समय में कमी आएगी और यात्रियों को सुविधा होगी।

तटरक्षक जहाज का प्रक्षेपण

इसके साथ ही एक तटरक्षक जहाज को रवाना किया गया। जैसे ही पुल का वर्टिकल लिफ्ट हिस्सा ऊपर उठाया गया और जहाज उसके नीचे से गुजरा। जिससे पुल की परिचालन तकनीक का प्रदर्शन हुआ।

रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा

इसके बाद प्रधानमंत्री ने रामेश्वरम के प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा अर्चना की, जो इस क्षेत्र के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है।

विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण

दोपहर करीब 1:30 बजे, प्रधानमंत्री ने 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे और सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया, जिनसे क्षेत्र की आधारभूत संरचना में उल्लेखनीय सुधार होगा।

सड़क परियोजनाएं

एनएच-40 के वालाजापेट-रानीपेट खंड, एनएच-332 के विलुप्पुरम-पुडुचेरी खंड, एनएच-32 के पूंडियनकुप्पम-सत्तनाथपुरम खंड और एनएच-36 के चोलापुरम-तंजावुर खंड को चार लेन का बनाया जाएगा। इन सड़कों के निर्माण से तीर्थ स्थलों, पर्यटन स्थलों, शहरों, मेडिकल कॉलेजों और बंदरगाहों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। जिससे स्थानीय किसानों को बाजार तक पहुंचने में सुविधा होगी और चमड़ा व लघु उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।

पंबन ब्रिज की विशेषताएं

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सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व

रामायण के अनुसार, भगवान राम की सेना ने राम सेतु का निर्माण रामेश्वरम के नजदीक धनुषकोडी से शुरू किया था। नया पंबन रेलवे ब्रिज रामेश्वरम द्वीप को भारत की मुख्य भूमि से जोड़ता है और यह भारतीय इंजीनियरिंग की एक बड़ी उपलब्धि है।

तकनीकी विशेषताएं

इस पुल की लंबाई 2.08 किलोमीटर है, जिसमें 99 स्पैन हैं। इसका लिफ्टिंग हिस्सा 72.5 मीटर लंबा है, जो 17 मीटर तक उठ सकता है, जिससे बड़े जहाज आसानी से गुजर सकते हैं। पुल को मजबूत बनाने के लिए इसमें स्टेनलेस स्टील, विशेष सुरक्षात्मक पेंट और वेल्डेड जोड़ का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इसकी ताकत और उम्र बढ़ी है।

भूतपूर्व पुल की विरासत

पहला पंबन ब्रिज 1914 में ब्रिटिश इंजीनियरों द्वारा बनाया गया था। यह एक कैंटिलीवर डिजाइन का पुल था, जिसमें शेरजर रोलिंग लिफ्ट हिस्सा था, जो समुद्र में जहाजों के लिए रास्ता देता था। एक सदी से अधिक समय तक यह पुल तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों और व्यापारियों के लिए जीवनरेखा था। लेकिन समुद्री माहौल से नुकसान और बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए सरकार ने फरवरी 2019 में नए तकनीकी और मजबूत पंबन ब्रिज के निर्माण की मंजूरी दी।

दुनिया के प्रतिष्ठित पुलों में स्थान

नया पंबन ब्रिज अमेरिका के गोल्डन गेट ब्रिज, लंदन के टावर ब्रिज और डेनमार्क-स्वीडन को जोड़ने वाले ओरेसुंड ब्रिज जैसे दुनिया के अन्य मशहूर पुलों की श्रेणी में शामिल हो गया है। इन पुलों को उनके तकनीकी डिजाइन और इंजीनियरिंग के लिए जाना जाता है और अब नया पंबन ब्रिज भी इन प्रतिष्ठित पुलों में शामिल हो गया है।

कैसे करता वर्टिकल लिफ्ट पुल काम

वर्टिकल लिफ्ट पुल ऐसा पुल होता है, जिसे जरूरत पड़ने पर पानी की सतह से ऊपर उठाया जा सके। पुल के सेंटर स्पैन को ऊपर उठाने पर नीचे से बड़े जहाज आसानी से गुजर सकते हैं और जहाजों के गुजरने के बाद पुल का हिस्सा वापस नीचे आ जाता है। जिससे ट्रेन सेवा बिना बाधा जारी रहती है।










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