हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। जानिए इस साल कब है सोमवती अमावस्या और कब से शुरू हो रहा है खरमास। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़
सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व
हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। जो अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
14 दिसंबर को सोमवती अमावस्या
एक साल में दो से तीन सोमवती अमावस्या पड़ती हैं। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि यानि अमावस्या 14 दिसंबर, दिन सोमवार को पड़ रही है।
इस दिन सूर्य ग्रहण भी
इस दिन सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। सूर्य ग्रहण की घटना को बहुत ही विशेष माना गया है। यह सूर्य ग्रहण साल का अंतिम ग्रहण है।
पितरों की संतुष्टि के लिए पूजा पाठ
इस दिन पितरों की संतुष्टि के लिए पूजा पाठ और तर्पण करने को लाभकारी माना गया है। इस दिन लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति हेतु नदी में स्नान और प्रार्थना करते हैं। स्नान के बाद पितरों के नाम से दान भी किया जाता है।
खरमास का आरंभ 16 दिसंबर से
पंचांग के अनुसार खरमास का आरंभ 16 दिसंबर से होगा। खरमास का समापन 15 जनवरी 2021 को होगा।
किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य नहीं
पौराणिक मान्यता के अनुसार खरमास में किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
मकर संक्रांति से देवताओं का दिन शुरू
मकर संक्रांति से देवताओं का दिन शुरू हो जाता है। इसी दिन खरमास समाप्त हो जाता है।
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