Politics: देश में कमजोर हो रही पंचायती राज व्यवस्था पर राहुल गांधी ने जताई निराशा, कहा..
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देश के समग्र विकास के लिए जिस पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत की, वह जबरदस्त असरदार साबित हुई लेकिन दुर्भाग्य से आज हम उस व्यवस्था से भटक गये हैं।
नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देश के समग्र विकास के लिए जिस पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत की, वह जबरदस्त असरदार साबित हुई लेकिन दुर्भाग्य से आज हम उस व्यवस्था से भटक गये हैं।श्री गांधी ने गुरुवार को रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के साथ चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा “राजीव गांधी जी जिस पंचायती राज को लेकर आए थे उसका समाज पर जबरदस्त असर हुआ लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ेगा कि यह अब कम हो रहा है। पंचायती राज के मोर्चे पर जितना आगे बढ़ने का काम हुआ था, हम उससे पीछे लौट रहे हैं और जिलाधिकारी आधारित व्यवस्था में जा रहे हैं।”
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— Congress (@INCIndia) April 30, 2020
उन्होंने कहा कि देश के उत्तरी राज्यों की तुलना में पंचायती राज व्यवस्था पर दक्षिण के राज्यों में ज्यादा बेहतर काम हुआ है। उन्होंने कहा “अगर आप दक्षिण भारतीय राज्य देखें, तो वहां इस मोर्चे पर अच्छा काम हो रहा है, व्यवस्थाओं का विकेंद्रीकरण हो रहा है लेकिन उत्तर भारतीय राज्यों में सत्ता का केंद्रीकरण हो रहा है। पंचायतों तथा जमीन से जुड़े संगठनों की शक्तियां कम हो रही हैं।”
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गांधी ने कहा कि इस दौर में अधिकारवाद का एक नया मॉडल सामने आया है जो ‘सत्तावादी मॉडल’ है और यह उदार मॉडल पर सवाल उठा रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक अलग तरीका निकाला गया है जो बहुत तेजी से फलता-फूलता नजर आ रहा है।
राजन ने भी इस व्यवस्था पर चिंता जताई और कहा “अधिकारवादी व्यक्तित्व अपने आप में एक ऐसी धारणा बना लेता है कि ‘मैं ही जनशक्ति हूं’ इसलिए मैं जो कुछ भी कहूंगा, वह सही होगा। सब कुछ मेरे सामने से होते हुए गुजरना चाहिए। इतिहास उठाकर देखें तो पता चलेगा कि जब-जब इस हद तक केंद्रीकरण हुआ है, व्यवस्थाएं धराशायी हो गई हैं।” (वार्ता)