महराजगंज के चौक बाजार में उमड़ा आस्था का सैलाब, गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाकर मांगा वरदान, जयकारा से गूंजा माहौल

डीएन संवाददाता

महराजगंज के चौक बाजार स्थित गुरु गोरक्षनाथ मंदिर पर सोमवार को भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान गुरू गोरक्षनाथ की जयकारा से समूचा माहौल गूंज उठा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर

चौक बाज़ार में लगा खिचड़ी का मेला
चौक बाज़ार में लगा खिचड़ी का मेला


महराजगंज: माघ मास। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर रविवार  को चौक बाजार स्थित गुरु गोरक्षनाथ मंदिर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने गुरु गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाकर परिवार के लिए सुख.समृद्धि का वरदान मांगा। जय गुरु गोरक्षनाथ की जयकारा से माहौल अध्यात्मिक बन गया। 

भोर से ही शुरू हो गई श्रद्वालुओं की आवाजाही 
भोर से ही चौक रोड पर श्रद्धालुओं की आवाजाहा शुरू हो गई। कोई बाइक, कार, ट्राली-टै्क्टर से मंदिर तक पहुंचने की कोशिश करते नजर आया, तो बहुत से पैदल ही बाबा गुरु गोरक्षनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए चल पड़ा। दिन चढ़ने के साथ ही पूरा मंदिर परिसर भक्तों की भीड़ से भर गई। हर कोई अपने बारी की प्रतीक्षा करते नजर आया। भक्तों ने गुरु गोरक्षनाथ को खिचढ़ी चढ़ाकर परिवार के सुखमय जीवन के लिए कामना किया। 

झूलों और चर्खियों पर खूब लिए आनंद 
गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में मनोहारी प्रतिमा, चरण पादुका और धुई की छंटा देखते ही बनी। श्रृंगार की दुकानों पर महिलाओं ने खरीदारी की। बच्चों ने ड्रैगन,ट्रेन, जादू, झूला और मौत के कुआ का भी आनंद उठाया |

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नेपाल के गोपालपुर में भी भक्तों ने चढ़ाई खिचड़ी 
नेपाल के गोपालपुर गांव स्थित गुरु गोरक्षनाथ मंदिर पर मकर संक्राति के अवसर पर श्रद्धालुओं ने खिचड़ी चढ़ाई। गुरु गोरक्षनाथ के जयघोष से पूरा माहौल गूंज उठा। नेपाल ही नहीं भारतीय क्षेत्र के भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन किया। 

बाबा निरकेवल दास कुटी पर उमड़ी भीड़ 
खुटहा क्षेत्र पिपरहिया गांव स्थित बाबा निरकेवल दास की समाधि पर श्रद्धालुओं ने खिचड़ी चढ़ाकर मन्नतें मांगी। इस दौरान मेले का भी आयोजन किया गया है। सुबह से ही यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। लाइन में खड़े होकर लोगों ने बाबा को खिचड़ी चढ़ाकर मन्नतें मांगी। 

श्रद्धा के साथ मना मकर संक्रांति का त्योहार  
मकर संक्रांति को जनपद में खिचड़ी का त्योहार धूमधाम से मना | लोगों ने चावल, तिल आदि का दान कर पुण्य कमाया। सुबह भूवन भास्कर की किरणें धरती पर पड़ते ही लोगों में गजब का उत्साह नजर आया। उन्होंने भगवान विष्णु का पूजन अर्चन किया और भगवान सूर्य की उपासना की। इस दौरान ऊं भगवते सूर्याय नमः की मंत्र से माहौल गूंज उठा। पुरोहितों से लोगों ने कथा सुनी। इस पर्व पर प्रायः हर घर में खिचड़ी बनी। दही के साथ सभी ने खिचड़ी खाया और अपने लोगों को खिचड़ी खिलाया। पंडितों को तिल, गुड़, लाई, चावल आदि का दान किया।  

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श्रद्धालुओं ने लगाई नदियों में डूबकी 
मकर संक्राति के मौके पर जिले नदियों में श्रद्धालुओं ने डूबकी लगाई। स्नान के बाद पुरोहितों को दान पुण्य किया। घुघली क्षेत्र के बैकुण्ठी घाट, घुघली बुजुर्ग, विश्वनाथपुर घाट, बाला छत्र घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। नेपाल स्थित त्रिवेणी, रोहिन के त्रिमुहानी घाट व धानी क्षेत्र के राप्ती नदी घाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान ध्यान कर मंदिरों में पहुंचकर पूजन.अर्चन किया। मान्यता है कि मकर संक्राति के दिन नदी में स्नान करने तथा उसके तट पर दान करने से सभी पाप कट जाते हैं।

खरमास खत्म, मंडप में गूंजेगी शहनाई 
मकर संक्रांति पर सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही एक माह से शुभ संस्कारों पर लगा विराम समाप्त हो गया। मकर संक्रांति के योग के साथ ही खरमास का प्रभाव भी खत्म हो जाता है। अब मंडपों में शहनाई की गूंज सुनाई देगी। विवाह संस्कार, जनेऊ संस्कार, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश व अन्य संस्कार शुरू हो जाएंगे।










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